सूर्यगढ़ा. हिंदी साहित्य के छायावादी कविता युग के प्रमुख आधार स्तंभ और प्रकृति के सुकुमार कवि कहे जाने वाले सुमित्रानंदन पंत जी की 124वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी. मौके पर स्थानीय जनता कॉलेज के पूर्व प्राचार्य एवं साहित्यकार राजेंद्र राज की अध्यक्षता में माणिकपुर थाना क्षेत्र के खांड़पर गांव में युवा कवि विनय कुमार के आवास पर कार्यक्रम आयोजित कर ””संझाबाती”” पत्रिका के नये अंक का विमोचन किया गया. मौके पर पटना जिला के बाढ़ से निकलने वाली प्रमुख पत्रिका संझावाती के संपादक तथा हिंदी मगही भाषा के प्रमुख कवि, गीतकार तथा कहानीकार हेमंत कुमार भी मौजूद थे. पत्रिका बिहार केसरी तथा पूर्व मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह विशेषांक है. सभी ने इसका स्वागत किया. मौके पर मुख्य रूप से मौजूद कवि एवं कहानीकार हेमंत कुमार ने कहा कि स्व. पंत की कविताओं में प्रकृति का सजीव चित्रण मिलता है. इन्हें प्रकृति का सुकुमार कवि कहा गया है. सौंदर्य के साथ रहस्य और वेदना की भावना है. अध्यक्ष ने कहा कि सुमित्रानंदन पंत की कविताओं में मानवतावाद और प्रगतिवाद है. हर्ष कुमार, रवीश कुमार, रूपेश कुमार, रोशन कुमार समेत अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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