आसनसोल/रूपनारायणपुर.
चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) की नगरी चित्तरंजन को आतंकी, नक्सली या माओवादियों के हमले का खतरा बना हुआ है. तीन फरवरी 2023 के गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के हवाले से चिरेका के वरिष्ठ उप महाप्रबंधक तथा सीवीओ प्रमोद खत्री ने सोमवार को पत्रकार सम्मेलन करके बताया कि बंगाल और झारखंड आतंकियों की गतिविधि में बढ़ोतरी हुई है. अंतरराज्यीय अपराधी भी काफी सक्रिय हुए हैं. माओवादियों की गतिविधि में भारी बढ़ोतरी की बात कही गयी है. ऐसे में रेलवे शहर पर खतरा बना हुआ है. इस खतरे को कम करने के लिए शहर में प्रवेश के लिए बने पॉकेट गेटों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. सीसीटीवी कैमरा जगह-जगह लगाया गया है. जिससे शहर में प्रवेश करनेवाले सभी पर निगरानी हो सके. मौके पर चिरेका के सहायक सुरक्षा आयुक्त सोमनाथ चक्रवर्ती मौजूद थे. इन गेटों को बंद करने की जिम्मेदारी इन्हें ही सौंपी गयी है.गौरतलब है कि बंगाल और झारखंड के सीमा पर बंगाल में स्थित चित्तरंजन शहर के चारों ओर बड़ी आबादी बसी है. शहर में प्रवेश के लिए तीन मुख्य द्वार एक, दो और तीन नंबर गेट है. इसके अलावा लोगों की सुविधा के लिए विभिन्न इलाकों में पॉकेट गेट बने हैं. जिन्हें बंद करने का कार्य पहली बार कोरोना के समय हुआ था. जिसे लेकर लोगों का लगातार आंदोलन चला और लोग सील किये गये गेटों को तोड़कर पुनः शहर में आने जाने लगे. इन गेटों के बंद होने से हजारों लोगों को प्रतिदिन भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा.चिरेका प्रबंधन ने इन गेटों को पुनः बंद करने का निर्णय लिया है. चुनाव के पहले तीन पॉकेट गेटों कुर्मीपाड़ा, नामोकेशिया कालीमंदिर और रामकृष्ण पाठचक्र को बंद करने का आदेश जारी किया. जिसमे पॉकेट गेटों को बंद करके उनकी जगह विकेट गेट (पैदल यात्रियों के आवागमन) लगाने को कहा गया. कुर्मीपाड़ा में विकेट गेट लग गया. नामोकेशिया और रामकृष्ण पाठचक्र गेट को बंद करने को लेकर लॉ एंड ऑर्डर के बिगड़ने की आशंका को देखते हुए चुनाव के पूर्व कार्य को स्थगित कर दिया गया. इस इलाके में 13 मई को चुनाव खत्म होते ही चिरेका प्रबंधन ने पुनः गेटों को बंद करने का आदेश जारी किया. गेटों को बंद करने से लॉ एंड ऑर्डर के बिगड़ने की स्थिति हो सकती है, ऐसे में स्थानीय पुलिस और प्रशासन की जरूरत थी. राज्य में अन्य जगहों पर हो रहे चुनाव में पुलिस फोर्स तैनात होने के कारण प्रशासन ने फिलहाल फोर्स देने में असमर्थता जतायी. जिससे दूसरी बार कार्य स्थगित हुआ.सोमवार को पत्रकार सम्मेलन करके प्रबंधन ने यह साफ संकेत दिया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से गेटों को बंद करना आवश्यक है और इसे बंद किया जायेगा. सूत्रों के अनुसार वर्ष 2011 से लेकर तीन फरवरी 2023 तक समय-समय पर गृह मंत्रालय की ओर से इस प्रकार के खतरे का संदेश आता ही रहता है. कुछ माह पहले चिरेका प्रशसन ने शहर में आइएसआइएस के हमले की आशंका जताते हुए शहर में सुरक्षा व्यवस्था चौकस की थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है