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शोध में नकल का दौर समाप्त, कट एंड पेस्ट किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं : कुलपति

शोध में नकल का दौर समाप्त, कट एंड पेस्ट किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं : कुलपति

मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग में सोमवार को शोध पर आधारित राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ बीएनएमयू के कुलपति सह कार्यशाला के संरक्षक प्रो विमलेंदु शेखर झा ने किया. उन्होंने भाषण में शोध के विभिन्न आयामों की चर्चा करते हुए शोधार्थियों को आगे आने का आह्वान किया. कुलपति ने कहा कि शोध में सफलता तभी मिलती है, जब हम स्वयं को शोध में लीन कर देते हैं. शोध के लिए मेहनत व आत्मविश्वास की जरूरत होती है. शोध के लिए शोधार्थियों को स्वयं को करना होगा तैयार- कुलपति ने कहा कि अब शोध में नकल का दौर समाप्त हो गया है. कट एंड पेस्ट किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी. शोधार्थी, आयोजित कार्यशाला में शोध के तकनीकों को सीखें व अपने भविष्य को उज्जवल करें. वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो शमीम अहमद अंसारी ने कहा कि शोध एक प्रक्रिया है और हमें संयम के साथ इसे करना चाहिए. समाज व देश का उत्थान शोध व आविष्कारों से ही संभव है. शोध के लिए शोधार्थियों को स्वयं को तैयार करना होगा और लीन होकर कार्य करना होगा तभी सफलता हाथ आयेगी. शोध के माध्यम से ही युवाओं का विकास है संभव- कार्यशाला के निदेशक सह विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो एमआइ रहमान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चर्चा की. उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध पर जोर दिया जा रहा है. शोध के माध्यम से ही युवाओं का विकास संभव है. उन्होंने बताया कि कार्यशाला में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, दिल्ली व कश्मीर से शोधार्थी जुड़े हैं. छह दिनों तक विभिन्न रिसोर्स पर्सन द्वारा उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा. कार्यशाला के निदेशक प्रो एमआइ ने बताया कि भारत के केंद्रीय विश्वविद्यालयों व बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों से रिसोर्स पर्सन अपनी सेवा देंगे एवं सहभागियों को प्रशिक्षित करेंगे. कार्यशाला को विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो अरुण कुमार, मानविकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो राजीव कुमार मल्लिक, अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो नवीन कुमार व आइक्यूएसी निदेशक प्रो नरेश कुमार ने भी संबोधित किया. शोध पत्र लेखन विधि की दी जानकारी- दूसरे सत्र में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के प्रो अनीस अहमद ने सहभागियों को शोध पत्र लेखन विधि की जानकारी दी. वहीं पटना विश्वविद्यालय के डाॅ निधि सिंह ने ऑनलाइन शोध समस्या एवं पूर्वकल्पना के संबंध में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रकाश डाला.

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