संवाददाता, पटना पीएचइडी की समीक्षा रिपोर्ट में पाया गया है कि बिहार के सुखाड़ प्रभावित 622 गांवों में 240 चापाकल बंद हो गये हैं. भीषण गर्मी को देखते हुए विभाग ने अधिकारियों को दिशा- निर्देश दिया है कि इन गांवों में निगरानी बनाएं रखें, ताकि जलापूर्ति योजनाएं नियमित चलती रहें और लोगों को पानी की दिक्कत नहीं हो. इन पंचायतों में कुल 8637 चापाकल हैं, जिसमें 240 चापाकल बंद हो गये हैं. वहीं, 336 टैंकर भी है, जिसमें से अभी आठ का परिचालन शुरू हो गया है. 622 गांवों के 1128 वार्ड प्रभावित बिहार में सुखाड़ प्रभावित 203 पंचायतों की बात करें, तो बिहारशरीफ में सात, हिलसा 37, गया नौ, शेरघाटी 35, नवादा 24, जहानाबाद 18, अरवल 29, सासाराम 10, भभुआ 108, शेखपुरा चार, मुंगेर 107, जमुई 10, भागलपुर पूर्व 18, भागलपुर पश्चिम 83, बांका 13, बाराहाट पांच, सीतामढ़ी 105 यानी कुल 622 गांव हैं, जिसमें 1128 वार्ड प्रभावित है. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी वार्डों में अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मति में जुटे है. नल जल योजनाओं की बढ़ी निगरानी, मरम्मत दल की संख्या भी बढ़ी इन इलाकों में नल जल योजना की निगरानी बढ़ायी गयी है. विभाग का मानना है कि जून 30 तक भूजल के स्तर में गिरावट होने की संभावना बनी रहती है. इस बीच में कई जगहों पर भूजल का स्तर 12 से 15 फुट तक भी नीचे चला जाता है. इस कारण से इन इलाकों में चापाकलों के बंद होने की संख्या अभी और बढ़ सकती है. इस कारण नल जल योजना से लाभुकों को लाभ मिलेगा. साथ ही, इस योजना का लाभ तत्काल ऐसे जगहों पर भी पहुंचेगा. जहां पानी की दिक्कत होने की संभावना अधिक है.
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