स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने गुमराह करने वाले विज्ञापनों से लोगों को किया सावधान
ऑनलाइन विज्ञापन के जरिये रोज ठगी के शिकार हो रहे लोग
किसी रोग के ठीक होने या न होने के संबंध में आपके डॉक्टर देेंगे सही जानकारी
प्रतिनिधि, हजारीबाग
आज कल सोशल मीडिया खोलते ही मधुमेह ठीक करने की गारंटी शर्तिया वाले विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं. इसमें बड़े-बड़े सेलिब्रिटी, न्यूज एंकर, राजनेता, मुख्यमंत्री तक आपको बताते मिलेंगे. इस दवा का एक खुराक लेते ही मेरी जिंदगी बदल गयी. मेरा रोग डायबिटीज ठीक हो गया. इंसुलिन लेना बंद हो गया यह सब फ्रॉड है. इसमें भोली-भाली जनता ठगे जा रहे हैं. इस फ्रॉड पर सरकार मौन है. जनता को गुमराह किया जा रहा है. उक्त बातें स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग उत्तरी छोटा नागपुर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ आरसी प्रसाद मेहता ने मंगलवार को अपने कार्यालय में कहीं. डॉ मेहता ने कहा कि टीवी, मोबाइल खोलते ही फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप यह विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं. यह पूर्णरुप से फर्जी है. विज्ञापन में न्यूज एंकरों द्वारा शर्त रखा जाता है कि नहीं ठीक होने पर लाखों का इनाम दिया जायेगा. यह विश्व का लेटेस्ट खोज द्वारा दवा बनायी गयी है. दवा स्टॉक में नहीं बची है. जल्द से जल्द ऑर्डर करें. जिस कारण अनेकों डायबिटिक मधुमेह रोगी इस फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं. दर्जनों लोगों ने आज तक मेरे पास इसकी शिकायत की है. इन दावा के बदले 4000 से 6000 रुपये तक दवा ऑर्डर कर खरीदा और खाया. इससे कोई फायदा नहीं हुआ. श्री मेहता ने इस पर आम जनता को सावधान रहने को कहा. अपने पारिवारिक चिकित्सक या सरकारी अस्पताल में मधुमेह, डायबिटीज का इलाज कराये. दवाइयां सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिल जाता है.
नये कानून में भ्रामक विज्ञापन पर होगी कार्रवाई
उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापनों से बचने के लिए सरकार नया उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 ला रही है. यह नया कानून 20 जुलाई से लागू होगा. नये कानून में भ्रामक विज्ञापन देने पर कार्रवाई करने का प्रावधान है. केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. यह कानून उपभोक्ता संरक्षण कानून की जगह लेगा. गोरा बनाने, हाइट बढ़ाने या फिर मोटापे से छुटकारा, डायबिटीज ठीक करने जैसे फर्जी विज्ञापन दिखाने पर कंपनियों को जुर्माना भरना पड़ सकता है.
कितना लगेगा जुर्माना :
शरीर को आकर्षक बनाने के झूठे वादे वाले विज्ञापन दिखाने पर कंपनियों को एक लाख रुपये तक जुर्माना और छह महीने कारावास का प्रावधान किया जा रहा है. यदि किसी व्यक्ति को कंपनी के प्रोडक्ट से कोई नुकसान पहुंचता है तो कंपनी पर पांच लाख रुपये तक जुर्माना और सात साल कारावास का प्रावधान किया जा रहा है. वहीं, अगर उपभोक्ता की मौत हो जाती है तो कंपनी पर 10 लाख रुपए तक जुर्माना और सात साल कारावास का प्रावधान किया जा रहा हैअभी क्या है प्रावधान :
कानून में अभी जुर्माने का जो प्रावधान है, वह कंपनियों को ऐसे भ्रामक दावे करने से रोकने में नाकाफी है. वर्तमान में इस तरह विज्ञापन दिखाने पर छह महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों ही हो सकते हैं. वहीं, दूसरी बार या इससे ज्यादा बार दोषी पाए जाने पर एक साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं. फिलहाज जुर्माने के रूप में ज्यादा रकम वसूलने का प्रावधान नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है