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कैंपस : जिले में 166 स्कूलों को किया जायेगा मर्ज, सबसे अधिक पटना सदर के 28 स्कूल होंगे मर्ज

जिले के वैसे स्कूल जहां भवनों की कमी की वजह से एक ही भवन में एक से अधिक स्कूल संचालित किये जा रहे हैं, उन्हें एक ही स्कूल के साथ मर्ज किया जाना है.

संवाददाता, पटना

जिले के वैसे स्कूल जहां भवनों की कमी की वजह से एक ही भवन में एक से अधिक स्कूल संचालित किये जा रहे हैं, उन्हें एक ही स्कूल के साथ मर्ज किया जाना है. एक ही परिसर में एक से अधिक स्कूल संचालित किये जाने वाले जिले के 166 स्कूलों की सूची शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर दी गयी है. स्कूलों को आपस में मर्ज करने के लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. जिले में सबसे अधिक पटना सदर के 28 स्कूलों को मर्ज किया जायेगा. वहीं सबसे कम दनियावां, धनरुआ और नौबतपुर में एक स्कूल को मर्ज किया जायेगा. स्कूलों को जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से तैयार किये गये नियम के अनुसार ही मर्ज किया जायेगा. यदि एक परिसर में तीन स्कूल संचालित हो रहे हैं, तो इनमें से दो स्कूलों को वहीं के मूल स्कूल में मर्ज कर दिया जायेगा. तीन स्कूलों के अलग-अलग प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक होंगे, तो उनमें जो सीनियर होंगे, उनको स्कूल का स्थायी प्रधानाध्यापक नियुक्त कर दिया जायेगा.

जिले के इन प्रखंडों में इतने स्कूल होंगे मर्ज

प्रखंड- मर्ज स्कूल की संख्या

अथमलगोला- 3

बख्तियारपुर- 5

बेलछी- 4

बिहटा- 7

दानापुर- 15

दनियावां- 1

धनरुआ- 1

दुल्हिन बाजार- 2

फतुहां- 12

खुसरूपुर- 2

मनेर- 5

मसौढ़ी- 3

मोकामा- 6

नौबतुपर- 1

पालीगंज- 2

पंडारक- 2

फुलवारी शरीफ- 11

पुनपुन- 5

पटना सदर- 28

बच्चों की संख्या बढ़ेगी तो बनेगा सेक्शन

स्कूल को मर्ज करने के बाद अगर किसी एक कक्षा में बच्चोंं की संख्या बढ़ती है, तो उस कक्षा को ए, बी और सी सेक्शन में बांट दिया जायेगा. एक कक्षा में कम से कम 35 बच्चे होने चाहिए और नियमानुसार 35 बच्चे पर एक शिक्षक होना चाहिए. स्कूलों के मर्ज होने के बाद विद्यार्थियों के अनुपात से शिक्षक अधिक होते हैं, तो उनका वैसे स्कूलों में स्थानांतरण किया जायेगा, जहां शिक्षकों की कमी है.

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