विधि प्रतिनिधि, धनबाद
इसीएल की राजमहल परियोजना में विस्थापित को उनकी जमीन का मुआवजा भुगतान करने के लिए रिश्वत लेते रंगे हाथ धराए इसीएल के तीन अधिकारियों को धनबाद सीबीआइ की टीम ने मंगलवार को राजमहल परियोजना के चीफ मैनेजर परमेश्वर यादव, डिप्टी मैनेजर सिविल विपिन कुमार और सहायक राजस्व निरीक्षक पवन महतो को सीबीआइ के प्रभारी विशेष न्यायाधीश डीसी अवस्थी की अदालत में पेश किया गया. सीबीआइ ने तीनों आरोपियों की चार दिनों की सीबीआई हिरासत देने की याचना की. इसका विरोध एलएडीसीएस के चीफ कुमार विमलेंदु ने किया. उभय पक्ष को सुनने के बाद अदालत ने तीनों आरोपियों को चार दिनों की सीबीआई हिरासत में देने का आदेश दिया है. सोमवार को सीबीआई ने तीनों अधिकारियों को 25-25 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था. सीबीआई की टीम सोमवार सुबह ही महागामा स्थित ईसीएल की राजमहल परियोजना में पहुंच गयी थी.हैदर अंसारी की शिकायत पर हुई कारवाई :
ईसीएल के राजमहल परियोजना के विस्थापित हैदर अंसारी ने एक मई 2024 को सीबीआई को आवेदन देकर उक्त अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. इसमें कहा गया था कि उसकी भतीजी शबनम परवीन का मकान राजमहल परियोजना द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था और उसे 12 लाख रुपये मुआवजा राशि का भुगतान करने का आदेश दिया गया. इसमे कहा गया था कि जमीन मुआवजे की राशि की फाइल को निबटाने के लिए इन्होंने छह लाख व मकान का मुआवजा देने के लिए 12 लाख रुपए की मांग की. 19 मई 2024 को सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर 20 मई को राजमहल परियोजना में जाल बिछाया और ऊर्जा नगर से तीनों अधिकारियों को रिश्वत लेते धर दबोचा था. जबकि एक प्राथमिक अभियुक्त अविनाश कुमार पांडे फरार है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है