संवाददाता, सीवान. जिले में खराब पड़े 36 सौ हैंडपंप में से अबतक मात्र 20 फीसदी हैंडपंपों की मरम्मति की जा चुकी है. तकरीबन दो माह पूर्व खराब पड़े हैंड पंप की मरम्मति के लिये डीएम मुकुल कुमार की अगुवाई में समाहरणालय परिसर से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की आठ तकनीकी टीमों को रवाना किया गया था. आंकड़ों पर गौर करें तो प्रत्येक टीम प्रतिदिन दो हैंड पंप की भी मरम्मति नहीं कर सकी है. ज्ञात हो कि प्रत्येक वर्ष गरमी की शुरूआत में ही हैंड पंपों की मरम्मति के लिये यहीं प्रक्रिया दुहराई जाती है. बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल मिलना मुश्किल होता है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में करीब 37 हजार 318 से अधिक सरकारी हैंड पंप हैं. इनमें 3600 चापाकल तकनीकी खराबी की वजह से बंद है. पीएचइडी की बातों पर गौर करें तो 60 दिनों में मात्र 709 हैंड पंप को मरम्मत किया जा चुका है. अभी भी 2891 हैंडपंप बंद है विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 37318 हजार हैंडपंप में पीएचइडी का 22785 हैंड पंप हैं. शेष 14533 हैंड पंप अन्य विभागों के हैं. जिले का वाटर लेबल हैं सामान्य पीएचइडी के अभियंता ने बताया कि जिले का वाटर लेबल अब तक सामान्य है. सभी हैंडपंप अच्छा पानी दे रहे हैं. बताया कि यदि 25 फुट के नीचे वाटर लेबल चला जाता है तो पतली वाली हैंड पंप पानी देने में परेशानी करती है. जबकि आइएम-टू के जितने भी हैंड पंप हैं वह पानी देते रहते हैं. . रिपेयरिंग की निगरानी के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम खराब हैंडपंप की शिकायत सुनने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. कंट्रोल रूम का फोन नंबर 85444 28579 है. जहां लोग फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. बोले पदाधिकारी- जिले में खराब हैंड पंपों की मरम्मत का कार्य जारी है. अबतक 709 हैंडपंप को ठीक किया जा चुका है, जिसे लोग स्वच्छ पानी का लाभ प्राप्त कर रहे हैं. कंट्रोल रूम को प्राप्त शिकायत के आधार पर भी दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. प्रीतीश शेखर, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी, सीवान
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