पीजी सेंटर में कंप्यूटर सूचना व साइबर सुरक्षा विषय पर वर्कशॉप का हुआ आयोजन बैंक अकाउंट से जुड़े मोबाइल नंबर को कॉल नंबर बनाने से बचें सहरसा. स्नातकोत्तर इतिहास विभाग पश्चिमी परिसर पीजी सेंटर में मंगलवार को भारतीय स्टेट बैंक द्वारा एक दिवसीय कंप्यूटर सूचना व साइबर सुरक्षा विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इसमें साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता पर चर्चा की गयी. मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय स्टेट बैंक पटना मंडल के मुख्य प्रबंधक सह साइबर सुरक्षा नोडल अधिकारी राकेश कांत चौधरी ने कहा कि ऑनलाइन खरीद-बिक्री में क्यूआर कोड को स्कैन करके पैसा सिर्फ भेजा जाता है, आता नहीं है. पैसा रिसीव करने में पिन व पासवर्ड की भी जरूरत नहीं पड़ती. इसलिए फ्रॉड द्वारा अनुरोध किए जाने पर सावधान रहें. उन्होंने कहा कि दो बातें सबसे जरूरी हैं. लोभ में नहीं पड़ें व डरिये नहीं. सोशल मीडिया के माध्यम से फ्रॉड पारिवारिक जानकारी प्राप्त कर पुलिस वेश में व्हाट्सप्प कॉल करके ब्लैकमेलिंग करता है. उन्होंने इस बात के लिए भी सावधान किया कि कभी भी अपना पासवर्ड ऑनलाइन सेव नहीं करें. हर बार मैनुअली पासवर्ड डालें. ट्रोजन हॉर्स की कहानी के जरिये उन्होंने किसी भी फोटो व वीडियो को खोलने के प्रति भी सावधान किया. उन्होंने संदेश के लिए टेक्स्ट मैसेज के प्रयोग को ज्यादा सेफ बताया. उन्होंने किसी अनजान लिंक को खोलने के प्रति भी सबको सचेत किया. उन्होंने कहा कि लिंक के जरिये आपके डिजिटल डिवाइस को कंट्रोल किया जा सकता है. उन्होंने सबसे जरूरी बात यह कही कि बैंक अकाउंट से जुड़े मोबाइल नंबर को कॉल नंबर बनाने से बचना चाहिए. अनजान नंबर से फोन आने एवं करने दोनों से बैंक अकॉउंट खाली हो सकता है. साथ ही उन्होंने किसी अनजान आदमी को पेमेंट करने से बचने की भी सलाह दी. कार्यक्रम का संचालन करते डॉ अर्चना चौधरी ने विद्यार्थियों से कहा कि इस वर्कशॉप के बाद आप सब मास्टर ट्रेनर हो गए हैं. आप सबका काम साइबर क्राइम के प्रति समाज को जागरूक करना है. इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ इम्तियाज़ अंजुम ने कहा कि ठग विद्या हर हमेशा राज विद्या पर भारी पड़ती है. इसलिए आगे हमें अतिरिक्त सावधानी रखनी होगी. अंत में जामताड़ा वेब सीरीज पर आधारित नेटफ्लिक्स से दो मिनट की शार्ट फिल्म भी दिखाई गयी. विद्यार्थियों ने मुख्य वक्ता से साइबर सुरक्षा से जुड़े सवाल भी पूछे. वर्कशॉप में आईटी इंजीनियर शंकर कुमार व गोविंद किशोर झा ने तकनीकी सहयोग दिया. धन्यवाद ज्ञापन करते डॉ श्रीमंत जैनेन्द्र ने कहा कि ऑनलाइन फ्रॉड जिस तरह रोज नये हथकंडे अपना रहे हैं. उससे कभी भी किसी का नंबर आ सकता है. इस मौके पर मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो संजय मिश्रा, राजनीति विज्ञान के अध्यक्ष डॉ रंजीत कुमार सिंह, मैथिली विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो रंजीत कुमार सिंह, डॉ श्याम मोहन मिश्रा, डॉ प्रीति गुप्ता, डॉ कविता, डॉ कोमल, महेंद्र मंडल, सुनील सिंह, अंकित, सोनू, ललित, नरेश, सत्येन्द्र, अभिलाषा, मीठी, प्रिया सहित अन्य विद्यार्थी व कर्मचारी मौजूद रहे. फोटो – सहरसा 07 – कार्यशाला में मौजूद छात्र-छात्रा व प्रशिक्षक.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है