बेनीपट्टी . प्रखंड के बसैठ चानपुरा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में मंगलवार को कृषि विकास संगोष्ठी सह उर्वरक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के अध्यक्ष डॉ संत कुमार चौधरी समेत अन्य लोगों ने किया. डॉ चौधरी ने कहा कि कृषि के विकास से ही कृषक समुन्नत होंगे. मोटे अनाज (मिलेट्स) फसल की खेती मरवा, कोदो, कौनी, सामा, चीना व रामदाना आदि फसलों के उत्पादन के साथ-साथ इसे अपनाने की नितांत आवश्यकता है. यह संस्थान इस दिशा में पूरी तरह प्रयासरत है और किसानों को लगातार इन फसलों के उत्पादन के लिये प्रेरित कर रहा है. वहीं वरीय वैज्ञानिक डॉ. मंगलानंद झा ने कहा कि भूमि सीमित है. इसलिए प्रति एकांक क्षेत्रफल से चाहे स्थल हो या जल इससे अधिक से अधिक उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है. धान व गेंहू से अधिक गुणवत्तायुक्त प्रोटीन मक्का की खेती को बढ़ावा देना होगा. साथ ही हरी खाद की फसल, जैविक खाद, प्राकृतिक खेती, दुधारू पशु धन की बढ़ोतरी, वर्मी कंपोस्ट, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन व मछली पालन की उन्नत तकनीक संस्थान से प्राप्त कर अपनाया जा सकता है. जबकि उद्यान वैज्ञानिक प्रमोद कुमार झा ने कहा कि फल एवं कृषि वानिकी पौधा धन को भी उगाकर नौजवान अपनी बेरोजगारी दूर कर सकते हैं. समेकित पोषक तत्व प्रबंधन के अलावे मिथिला पेंटिंग का प्रशिक्षण आदि विषय पर 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी इस संस्थान द्वारा चलाया जाता है. कार्यक्रम के अंत में 70 उर्वरक प्रशिक्षुओं के बीच प्रशिक्षण प्रमाण पत्र का वितरण भी डॉ. चौधरी के हाथों किया गया. मौके पर वैज्ञानिक राकेश सिंह यादव, विकल कुमार, डॉ. देवेंद्र कुशवाहा, प्रो. दुर्गेश पांडेय, प्रो. विकास ठाकुर, प्रो. वीरेंद्र कुमार, परमानंद चौधरी, कंचन किरण, संजना कुमारी, सुमन कुमार मिश्र, चंदेश्वर साहू, ईश्वरनाथ झा समेत अन्य लोग भी मौजूद थे.
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