दिघवारा. सारण संसदीय क्षेत्र से 14 प्रत्याशियों का भाग्य सोमवार को संपन्न हुए चुनाव के बाद ईवीएम में कैद हो गया है और अब सबों को 4 जून का इंतजार है. चुनाव समाप्ति के बाद मंगलवार को दिघवारा में दिनभर चुनाव से जुड़ी चर्चा में लोगों को मशगूल देखा गया. चाय दुकान से लेकर स्टेशन तक तो सरकारी कार्यालयों से लेकर घरों तक हर जगह लोग चुनाव की चर्चा में ही व्यस्त देखे गये और लोगों को अपने-अपने तरीके से कयास लगाते देखा गया. चुनाव में मुख्य मुकाबला महागठबंधन की उम्मीदवार डॉ. रोहिणी आचार्य और एनडीए के उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी के बीच होता दिख रहा है. चुनाव के दौरान दोनों गठबंधनों के समर्थकों ने खूब पसीना बहाया.ऐसे में वे लोग अपने अपने उम्मीदवारों की जीत के दावे करने से भी पीछे नहीं हैं. कई लोग अपने उम्मीदवारों के जीत के अंतर को बताने में भी पीछे नहीं रह रहे हैं.किस जाति का वोट किसको पड़ा और किसने साथ दिया और किसने साथ छोड़ा आदि चर्चाएं भी खूब है.हालांकि पिछली बार की तुलना में इस बार वोटर और समर्थक उतने मुखर होकर नहीं बोल रहे हैं.जीत को लेकर दोनों गठबंधन असमंजस की स्थिति हैं. दोनों गठबंधनों के बारे में स्थानीय नेता भी कुछ बोलने की बजाय वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं और जुबान पर लगाम लगाए हुए हैं. चुनाव की चर्चा के बीच एक सवाल जो सबसे ज्यादा लोगों के जेहन में है वह यह कि सारण से कमल खिलेगा या लालटेन चलेगा. चौक चौराहे पर एक दूसरे से बातचीत के क्रम में लोग यहीं पूछते नजर आते हैं. का हो ई बार जली कि खिली जैसे सवाल लोगों की जुबान पर है. सवाल यह भी है कि क्या भीषण गर्मी में कमल की सेहत पर कोई असर पड़ेगा या लालटेन जलाकर वोटर रोहिणी को संसद तक पहुंचा देंगे. चुनाव परिणाम की चर्चा के बीच समझदार लोग लालटेन जली कि कमल खिली से जुड़े सवाल के जबाव में यही कहते फिर रहे हैं कि जली या खिली,ई त चार के ही पता चली.
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