आसनसोल. चार श्रमिकों को काम से हटाने के मुद्दे को लेकर पश्चिम बर्दवान जिला मोटिया मजदूर यूनियन (सीटू) की हड़ताल से नियामतपुर इलाके में होलसेल का कारोबार ठप हो गया है. ट्रक से सामान लोडिंग-अनलोडिंग का कार्य रुक जाने से इलाके के पूरे व्यवसाय पर असर पड़ रहा है. नियामतपुर मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सचिव सचिन भालोदिया ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से यह हड़ताल की गयी है. चार श्रमिकों को कार्य से हटाने का विवाद इतना बड़ा मुद्दा बनने से पहले समझौते से खत्म हो सकता था. एक जनवरी 2024 को हुए समझौते के अनुसार हड़ताल करने के 48 घंटे पहले नोटिस देने का नियम है. यूनियन की हड़ताल से कारोबार काफी प्रभावित हुआ है. यूनियन के सचिव दर्शन दयाल यादव ने कहा कि चार श्रमिकों को कहीं भी कार्य नहीं देने की अपील व्यवसायियों ने अपने ग्रुप में की. इनकी कोई गलती नहीं है. चार को यदि काम नहीं दिया जायेगा तो कोई भी काम नहीं करेगा. मुद्दे को लेकर जिला श्रमायुक्त को चिट्ठी भेजी गयी है और स्थानीय पुलिस को भी चिट्ठी दी गयी है. बताया जा रहा है कि हड़ताल से लाखों रुपये का नुकसान प्रतिदिन होने लगा है. नियामतपुर इलाके का पूरा होलसेल व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. ट्रकों से सामान उतारने और चढ़ाने के लिए एक भी श्रमिक नहीं होने से पूरा धंधा ठप हो गया है. इसे लेकर व्यवसायी वर्ग और मोटिया मजदूर यूनियन के बीच ठन गयी है. दोनों ही अपनी समस्या के समाधान को लेकर तीसरे पक्ष के पास दौड़ रहे हैं. श्री भालोदिया ने बताया कि स्थानीय शिवा ट्रेडर्स के वहां ट्रक पर चार मजदूर सामान लोड कर रहे थे. इसी दौरान 10 बोरा लोड करने को लेकर मजदूरों के साथ व्यवसायी संदीप डोकानिया की थोड़ी बहस हुई. मजदूर काम छोड़कर चले गये. उन्होंने दूसरे मजदूरों को बुलाया तो पहले वाले मजदूरों में से एक ने आकर अन्य मजदूरों को वहां कार्य करने से रोक दिया. इसी को लेकर विवाद काफी बढ़ गया. मजदूरों की कोई समस्या थी तो वे अपने यूनियन को बता सकते थे. यूनियन के नेता आकर कुछ करते तो फिर बात आगे बढ़ती. श्रमिकों की इस हरकत को देखते हुए व्यवसायियों के ग्रुप में चार मजदूर कैलाश घोष, दिलीप घोष, सजल धीबर, कृष्ण कुमार को फिलहाल कहीं काम नहीं देने का मैसेज दिया गया. जिसके बाद ही बिना कोई बातचीत किये यूनियन की ओर से हड़ताल आहूत कर दी गयी. इसे लेकर राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से बात चल रही है. यूनियन के सचिव श्री यादव ने कहा कि चार मजदूर श्री डोकानिया के वहां माल लोड कर रहे थे, उन्होंने मजदूरों को निजी काम करने के लिए कहा, जिसका मजदूरों ने विरोध किया तो पैसे भी नहीं दिये और काम से हटा दिया. बिना यूनियन से बात किये चार श्रमिकों को कहीं भी काम नहीं देने का मैसेज देखने के बाद ही यूनियन ने हड़ताल का निर्णय लिया. इस मुद्दे को लेकर डीएलसी को पत्र दिया गया है.
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