प्रतिनिधि, परवाहा. रानीगंज प्रखंड के बौसी थाना क्षेत्र के तमघट्टी वार्ड 16 निवासी 70 वर्षीय शैलेंद्र सिंह को छोटे बेटे को जमीन रजिस्ट्री करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. आपको बता दें कि मृतक शैलेंद्र सिंह ने चार दिन पूर्व अपने छोटे पुत्र शिवराज सिंह को कुछ जमीन रजिस्ट्री किया था. रजिस्ट्री की बात सामने आने के बाद बड़े पुत्र अरुण सिंह भी अपने नाम से जमीन रजिस्ट्री करने पिता को कहते थे. इसी बात को लेकर पिता से कहासुनी हुई आक्रोश में आकर अरुण सिंह ने धारदार दबिया से काटकर पिता को मौत का घाट उतार दिया. सबसे बड़ी बात निकलकर यह सामने आई है कि मृतक शैलेंद्र सिंह के घर घटना के बाद से पड़ोसी भी जाने से कतरा रहे हैं. पिता के मौत के बाद छोटे पुत्र शिवराज सिंह ने पिता को मुखाग्नि दिया. लोग यह कह रहे हैं कि हत्यारा पुत्र को अपने पिता का अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हो पाया. लोग घटना की काफी निंदा कर रहे हैं. लोगों की माने तो छोटे पुत्र की भी गलती सामने आ रही है, क्योंकि उन्होंने पिता को बहला फुसलाकर जमीन रजिस्ट्री कराया, जिस कारण आक्रोश में आकर बड़े पुत्र ने पिता की हत्या कर दिया. यदि दोनों भाई मिलानी के साथ जमीन रजिस्ट्री कराते तो आज मृतक शैलेंद्र सिंह अपने पत्नी व बेटे के बीच होते. घटना के 24 घंटे बाद भी हत्यारोपी पुत्र पुलिस पकड़ से बाहार है. लोगों की नजर बौंसी पुलिस की कार्यशैली पर टिकी हुई है कि बौंसी पुलिस कब तक हत्यारोपी पुत्र को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज पाते हैं. थानाध्यक्ष विकास पासवान ने बताया कि हत्यारोपी पुत्र के गिरफ्तारी के लिये पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है जल्द हत्यारोपी को गिरफ्तार कर सलाखों में डाला जायेगा. रानीगंज उपप्रमुख कलानंद सिंह ने कड़े शब्दों में इस घटना की निंदा करते हुए आरोपी युवक को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने का मांग प्रशासन से की है. साथ हीं उन्होंने यह भी बताया है कि शैलेंद्र सिंह की हत्या का मुख्य कारण छोटे बेटा को जमीन रजिस्ट्री करना है. छोटे पुत्र ने भी गलत किया है, लेकिन सही गलत जो भी हो वह बाद की बात है, पिता की हत्या एक जघन्य अपराध है, हत्यारोपी पुत्र को यदि दानव से भी नीच संज्ञा दी जाये तो वह कम होगी.
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