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अवैध कोयला ढोने वाली बाइकों से पुलिस के नाम पर हो रही वसूली

झारखंड-बिहार की सीमा पर बेलाटांड़ में अवैध डिपो में एकत्र किया जाता है कोयला

बेंगाबाद.

बेंगाबाद में इन दिनों कोयला लेकर जाने वाले वाहनों से पुलिस के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है. बाइक से कोयला को बिहार पहुंचाने वाले तस्करों से प्रति बाइक सौ से डेढ़ सौ रुपये तक वसूली की जा रही है. वसूली गिरोह के सदस्य विभिन्न मार्गों पर सक्रिय हैं, जो सभी वाहनों का लेखा जोखा रखते हैं. निर्धारित स्थान पर उक्त बाइक चालकों से उगाही करने में जुटे रहते हैं. प्रतिदिन सुबह से लेकर दोपहर तक वसूली कर निकल जाते हैं. यह धंधा पिछले कई माह से फल फूल रहा है, लेकिन पुलिस अधिकारी अनभिज्ञ बने हुए हैं. बताया जाता है कि बेंगाबाद के बनहती-छोटकी खरगडीहा, गिरिडीह- विशनपुर , गिरिडीह- बेंगाबाद मार्गों पर सक्रिय होकर उगाही गिरोह के सदस्य निर्धारित वसूली कर आराम से निकल रहे हैं. उक्त मार्गों पर प्रतिदिन पचास से अधिक संख्या में बाइक से कोयला को गिरिडीह से बिहार के बेला में संचालित डिपो में खपाया जाता है. सभी बाइक से कोयला लेकर जाने वाले तस्करों की लेखा जोखा वसूली गिरोह के पास रहती है. बाइक से कोयला लेकर निकलने वाली तस्करों का संपर्क वसूली गिरोह के पास रहती है जो निर्धारित स्थान पर पैसा जमा करने की हिदायत देते हैं. उक्त स्थानों पर पैसा जमा हो जाने के बाद वसूली कर आराम से गिरिडीह निकल जाते हैं. उक्त गिरोह के पास पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी की भी सटीक जानकारी रहती है, जो तस्करों को समय-समय पर कार्रवाई की सूचना लिक करते हैं. पुलिस की हर मार्ग पर तगड़ी पेट्रोलिंग रहने के बाद भी वसूली गिरोह की सक्रियता कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

कैसे होती है वसूली :

बताया जाता है कि गिरिडीह मुफस्सिल इलाके से बाइकों से कोयला का उठाव कर बेंगाबाद के उक्त मार्गों से पार करते हुए बदवारा पंचायत के बाद बिहार बोर्डर के बेला में संचालित डिपो में खपाया जाता है. कोयला उठाव के बाद बॉर्डर पार कराने तक कि जिम्मेदारी वसूली गिरोह के सदस्य लेते हैं. वे तस्करों से डायरेक्ट संपर्क में रहते हैं. पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी तक की जानकारी तस्करों तक पहुंचाते हैं. कार्रवाई कब होनी है, इसकी भी गुप्त जानकारी वसूली गिरोह के पास होती है.

बाइक से करते हैं वसूली :

जानकारों के अनुसार बाइक से कोयला लेकर जाने और खपाकर लौटने के बाद विभिन्न स्थानों से वसूली की जाती है. निर्धारित स्थानों पर कोयला तस्करों को राशि सुरक्षित जमा करनी पड़ती है. जमा की गई राशि का फोन पे के माध्यम से गिरोह के सदस्य मोबाइल में मंगा लेते हैं. जिन तस्करों से राशि नहीं मिलती है, उससे निपटने के लिए अगले दिन वसूली गिरोह के सदस्य बाइक से निगहबानी करते हैं और एकमुश्त वसूली करते हैं. अवैध गतिविधियों पर रोकथाम के लिए पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी उक्त मार्गों पर सक्रिय रहती है. इसके बाद भी सुबह के चार बजे से छह बजे तक कोयला तस्करों की अंधाधुंध बाइक गुजरती है और बिहार बॉर्डर पर पहुंचती है. ऐसे में पेट्रोलिंग पार्टी पर भी सवाल खड़ी हो रही है. आखिर वसूली गिरोह का तार पेट्रोलिंग पार्टी से जुड़ा तो नहीं है और नहीं है तो आख़िर अवैध गतिविधि संचालन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. वहीं वसूली गिरोह लंबे समय से सक्रिय होने के बाद भी पर्दाफाश क्यों नहीं हुआ.

क्या कहते हैं प्रभारी :

बेंगाबाद थाना के प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि इसकी जानकारी नहीं है. आवश्यक छानबीन कर कठोर कार्रवाई की जायेगी. पुलिस ऐसे वसूली गिरोह से सख्ती से निबटेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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