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विभावि लॉ कॉलेज के एलएमएम पाठ्यक्रम में महीनों से ठप है नामांकन

हजारीबाग.

विभावि लॉ कॉलेज में एलएमएम पाठ्यक्रम का भविष्य विभावि की लापरवाही के कारण अधर में लटक गया है. पाठ्यक्रम शुरू होने के बाद अभी तक 150 विद्यार्थी का नामांकन

हजारीबाग.

विभावि लॉ कॉलेज में एलएमएम पाठ्यक्रम का भविष्य विभावि की लापरवाही के कारण अधर में लटक गया है. पाठ्यक्रम शुरू होने के बाद अभी तक 150 विद्यार्थी का नामांकन होना चाहिए था, लेकिन एक वर्ष बाद सत्र 22-23 में नामांकन का विवाद विभावि आज तक सुलझा नहीं पाया है. इसके कारण सत्र 23-24 की आधी सीट आज तक खाली है. जबकि एलएलएम में 50 सीट पर प्रत्येक वर्ष नामांकन लिया जाना है. विवाद के कारण सत्र 23-24 में भी नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी.

एक वर्ष से ठप है नामांकन :

एलएलएम पाठ्यक्रम सत्र 21-22 में शुरू हुआ. 50 सीट पर नामांकन लिया गया. दूसरे सत्र 22-23 में नामांकन में विवाद के कारण आधी सीट पर नामांकन हुआ और आधी सीट पर विवाद के कारण ठप पड़ा है. यह विवाद लॉ कॉलेज में सत्र 22-23 में उत्पन्न हुआ. नामांकन का मेरिट लिस्ट निकला, लेकिन लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर तात्कालिक निदेशक और प्राचार्य के बीच कागजी लड़ाई शुरू हो गयी. इस कारण विभावि ने तात्कालिक प्राचार्य के सभी शक्तियों को छीन लिया. मामला राजभवन पहुंचा तो राजभवन के आदेश पर तात्कालिक निदेशक को भी अक्टूबर 2023 को निदेशक पद से हटाकर मूल शिक्षण कार्य में भेज दिया गया.

मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन :

राजभवन ने लॉ कॉलेज में नामांकन विवाद को एक माह के अंदर समाप्त करने का निर्देश अक्टूबर 2023 में दिया था. इसे विभावि ने आज तक लंबित रखा है. इस कारण सत्र 22-23 में एलएलएम में नामांकन नहीं हो पाया है. विद्यार्थियों का मेरिट लिस्ट में नाम था उन्होंने थक हार कर नामांकन लेने के लिए हाई कोर्ट का सहारा लिया है. इसका फैसला अभी तक नहीं आया है. इसी तरह लॉ कॉलेज के एक अन्य मामले में विभावि के मेमो नंबर VBU/ RO/ 869/ 14( vol-1)/1597/23 दिनांक 30 मई 2023 के नोटिफिकेशन से तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गयी थी, जो आज तक लंबित है.

विभावि का अनुशासन कमेटी ठप :

विभावि लॉ कॉलेज के तीन मामले न्यायालय में हैं. जबकि विभावि में दर्जनों कमेटियां हैं, जो विभावि की कार्यप्रणाली को संचालित करती हैं. इसमें एक कमेटी अनुशासन कमेटी है. कर्मचारी स्तर पर उत्पन्न विवाद को सुलझाने का कार्य करती है. विशेष परिस्थिति में विभावि जांच कमेटी बनाती है. फिलहाल अनुशासन कमेटी और जांच कमेटी ठप दिख रहा है. इस कारण विभावि लॉ कॉलेज के तीन मामले न्यायालय तक पहुंच गये. एक मामला शिक्षक व पूर्व विद्यार्थी के बीच है, जो हजारीबाग न्यायालय में है. एक मामला लॉ कॉलेज प्राचार्य व सत्र 22-23 के तत्कालीक विभावि कुलसचिव के बीच उच्च न्यायालय में है. सत्र 22-23 से संबंधित नामांकन का मामला भी उच्च न्यायालय में है. ऐसा रहा तो भविष्य में लॉ कॉलेज के छोटे-छोटे मामले भी न्यायालय में जाते रहेंगे. इसका सीधा असर लॉ कॉलेज के विद्यार्थी और हजारीबाग के निवासियों को झेलना पड़ेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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