फोटो:-3- ली अकादमी हाई स्कूल रोड में ट्रांसफार्मरों को ठीक करते बिजली कर्मीप्रतिनिधि, फारबिसगंज फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र में गर्मी के बीच बिजली कटौती से आमजन परेशान हैं. दिन में सुबह से कई बार पावर कट से परेशानी झेलने को विवश हैं. गर्मी में लोगों के घरों में बिजली उपकरणों के बढ़ने से बिजली ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ने लगा है. लोड बढ़ने के साथ ही आये दिन कोई न कोई ट्रांसफार्मरों में खराबी आना आम बात हो गयी है. जिस कारण बार-बार बिजली कटौती से आमजन परेशान हैं. विभाग द्वारा समय-समय पर ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता है. जिस कारण लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ती है. ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों बिजली कटौती से लोग अधिक परेशान हो रहें हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों बिजली कटौती से आमजन परेशान हैं. रात्रि बेला में सबसे अधिक परेशानियां झेलनी पड़ रही है. पिछले दो-तीन दिनों में पावर कट से लोगों की मुश्किलें बढ़ दी है. घरों में महिला बच्चें-बुजुर्ग गर्मी व पावर कट से परेशान हैं. विभागीय अधिकारियों की मानें तो फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के लिए 10-12 मेगावाट बिजली आपूर्ति चाहिए. लेकिन लोड सेटिंग के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है. शहरी क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं में लगातार इजाफा हो रहा है. शहरी क्षेत्रों में 12-15 नये ट्रांसफार्मर लगाया गया है. लोगों के घरों में बिजली उपकरणों की लगातार बढ़ोतरी हो रही है. भीषण गर्मी के कारण एक बार फिर यह समस्त उत्पन्न हो गयी है. वहीं केबल फाल्ट के कारण भी बार-बार समस्या उत्पन्न हो रही है. ———————– बनने के साथ ही टूटने लगी सड़क, ग्रामीणों में नाराजगी फोटो-4- क्षतिग्रस्त सड़क. प्रतिनिधि, भरगामा अररिया-सुपौल एनएच स्थित मुसाफिर खाना से त्रिभुवन सिंह के घर होते हुए पठान टोला तक लाखों की लागत से हाल ही में बनायी गयी पक्की सड़क बनते ही टूटने लगी है. ऐसे में सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. मामला मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत सड़क का निर्माण हुआ है. इतने मोटे बजट की सड़क के बनते ही टूटने से स्थानीय लोग नाराज हैं. स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग शुरू कर दी है. अररिया-सुपौल एनएच सड़क में भरगामा पेट्रोल पंप से महज कुछ पहले स्थित मुसाफिर खाना के नजदीक से त्रिभुवन सिंह के घर होते हुए पठान टोला तक लाखों की लागत से सड़क निर्माण कार्य महज तीन माह पहले ही किया गया है. यह सड़क मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग बिहार सरकार द्वारा कराया गया है. यह सड़क का निर्माण परिहारी वितरणी के पश्चिमी बांध पर हुआ है. सूरतेहाल यह है कि यह सड़क निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है. बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी रहने की वजह से यह सड़क बनते ही जगह जगह गिट्टी उखडने लगे हैं. जबकि इस सड़क पर स्थानीय लोगों ने बताया बड़ी व भारी वाहनों की आवाजाही नहीं के बराबर होती है. इतना ही नहीं इस सड़क की विडंबना यह है कि इस सड़क का शिलान्यास 08 अगस्त 2020 को तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक अनिल कुमार यादव के द्वारा शिलान्यास किया गया था. विभागीय स्तर से इस सड़क का निर्माण का जिम्मा संवेदक मो नुरैन को दिया गया था. बताया गया कि उस समय संवेदक के द्वारा बैडमिशाली बिछाकर छोड़ दिया गया था. इधर ग्रामीणों की लगातार शिकायत के बाद विभागीय स्तर से दबाव मिलने के बाद संवेदक के द्वारा आनन-फानन में तीन माह पहले सड़क का निर्माण कार्य संपन्न करवाया गया. महज तीन माह में हीं सड़क क्षतिग्रस्त हो गया. सड़क निर्माण कार्य को देखने से ऐसा लगता है कि संवेदक ने प्राक्कलन के विपरीत आनन फानन में पूरा कर लिया हो. इधर ग्रामीणों का कहना है ठेकेदार ने गुणवत्ता को नजर अंदाज कर सड़क बना दी. क्योंकि बनने के महज तीन माह के अंदर ही सड़क से परत दर परत मेटेरियल उखड़ने लगे हैं व जगह जगह गिट्टी उभर आयी है. कहते हैं सहायक अभियंता इधर ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता रामनारायण साह ने बताया जगह जगह सड़क उखड़ने की सूचना मिली है. निरीक्षण कर सुधार करने का निर्देश दिया जायेगा.
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