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दो वर्षों में महाबोधि मंदिर व बीटीएमसी का काफी तीव्रता से विकास हुआ : डीएम

बुद्ध जयंती के अवसर पर महाबोधि मंदिर परिसर में विकास व श्रद्धालुओं के लिए बढ़ायी गयी सुविधाओं से सभी को अवगत कराया गया.

बोधगया. बुद्ध जयंती के अवसर पर महाबोधि मंदिर परिसर में विकास व श्रद्धालुओं के लिए बढ़ायी गयी सुविधाओं से सभी को अवगत कराया गया. डीएम डॉ त्यागराजन ने बीटीएमसी की उपलब्धियों व विकास पर एक संक्षिप्त जानकारी दी. उन्होंने राज्यपाल सहित अन्य देशों से आये श्रद्धालुओं को बताया कि पिछले दो वर्षों में महाबोधि मंदिर एवं बीटीएमसी का काफी तीव्रता से विकास व सौंदर्यकरण का कार्य करवाया गया है. पिछले वर्ष लगभग 10 करोड रुपये की लागत से नवनिर्मित बीटीएमसी भवन का उद्घाटन भी हुआ है. सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 180 किलोवाट पावर क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की गयी है, जिससे महाबोधि मंदिर के साथ-साथ बीटीएमसी कार्यालय द्वारा भी बिजली खपत को रोकते हुए सौर ऊर्जा की ओर डायवर्ट हो रहा है, यह काफी सराहनीय पहल है. उन्होंने बताया कि महाबोधि मंदिर में चढ़ने वाले भारी मात्रा में फूलों को रीसाइक्लिंग कर अगरबत्ती तथा अन्य सुगंधित प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए कानपुर आइआइटी की कंपनी फुल डॉट कॉम के साथ एमओयू कराया गया है जो कि वर्तमान समय में काफी अच्छा फलाफल प्राप्त हो रहा है. आइबीसी बोधगया के अध्यक्ष वेन एन तेनजिंग ग्याल्त्सो व महासचिव भिक्खु प्रज्ञादीप, म्यांमार से महासद्दम्मजोतिकाधजा, इस वर्ष के बुद्ध जयंती समारोह के प्रायोजक थाइलैंड के फुकेत की पापाचसोर्न मीपा ने इस अवसर पर बुद्ध जयंती के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बुद्ध पूर्णिमा और बुद्ध के जीवन व शिक्षाओं पर विशेष रूप से प्रकाश डाला. नामधारी संगत, झारखंड के हरनाम सिंह नामधारी ने भी इस अवसर पर संक्षेप में बात रखी व बुद्ध जयंती समारोह में हमेशा भाग लेने की अनुमति दिए जाने के लिए आभार जताया. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सम्मानित अतिथि, कोलकाता में थाईलैंड की काउंसुल जनरल सिरीपोर्न तांतीपन्याथेप ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखी व बोधगया के प्रति थाईलैंड के लोगों की भक्ति और थाईलैंड व भारत के बीच मजबूत बंधन का विशेष उल्लेख किया है. सुबह में आयोजित प्रभातफेरी में सर्वश्रेष्ठ झांकी के लिए राज्यपाल द्वारा ट्राफियां भी प्रदान की गयीं. पहला पुरस्कार वियतनाम मंदिर को, दूसरा पुरस्कार रॉयल थाई मंदिर को व तीसरा पुरस्कार म्यांमार बर्मी मंदिर को दिया गया. बीटीएमसी की सचिव डॉ महाश्वेता महारथी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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