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Bhagalpur News: भोज के बचे हुए खाना को जरूरतमंदों में बांटा

भोज के बचे हुए खाना को जरूरतमंदों में बांटा

प्रतिनिधि, नवगछिया

स्टूडेंट्स फॉर सेवा बिहार के नवगछिया जिला इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा शांति भोज में बचे हुए भोजन को संग्रह कर नवगछिया प्रखंड के कदवा दियारा क्षेत्र के सेवा बस्तियों में वितरण किया गया. अभाविप के गतिविधि सेवार्थ विधार्थी दक्षिण बिहार के प्रांत सह संयोजक अनुज चौरसिया ने बताया कि हमलोग समाज में किसी भी तरह के भोज में बचे भोजन को संग्रह कर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं. भोजन नष्ट होने से बचाने का आग्रह करते हैं. वहीं, अभाविप नवगछिया के नगर उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि लगातार तीन वर्ष से हम सभी अभाविप कार्यकर्ता समाज में भोजन बर्बाद न हो इसके लिए जनजागरण का कार्य करते हैं. जहां कार्यक्रम होता है उस समाज के बच्चों को नियमित स्कूल जाकर पढ़ने के लिए भी जागरूक करने का कार्य करते हैं. मौके पर अभाविप के अमृत, साजन सिंह, भवेश पिंटू आदि कार्यकर्ता मौजूद थे.

कछुआ को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया

भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के तत्वावधान में जलज परियोजना अंतर्गत विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर कछुआ बचाने के लिए नवगछिया प्रखंड के प्रताप नगर कदवा में अभियान चलाया गया. जलज परियोजना के असिस्टेंट कोर्डिनेटर राहुल कुमार राज ने बताया कि प्रतिवर्ष 23 मई को विश्व कछुआ दिवस के रूप में मनाया जाता है. जिसका उद्देश्य विश्व में कछुओं की कम होती संख्या के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके आवासों की रक्षा करना है. उनके पुनर्वास की व्यवस्था तथा उनका बचाव करना है. जलवायु परिवर्तन के कारण भी कछुओं की कई प्रजातियां अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. कार्यक्रम में चंदन कुमार (फील्ड असिस्टेंट जलज), संतोष कुमार (फील्ड असिस्टेंट NMCG प्रोजेक्ट), गंगा प्रहरी एवं 50 बच्चे उपस्थित थे.

भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के तत्वावधान में जलज परियोजना अंतर्गत विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर कछुआ बचाने के लिए नवगछिया प्रखंड के प्रताप नगर कदवा में अभियान चलाया गया. जलज परियोजना के असिस्टेंट कोर्डिनेटर राहुल कुमार राज ने बताया कि प्रतिवर्ष 23 मई को विश्व कछुआ दिवस के रूप में मनाया जाता है. जिसका उद्देश्य विश्व में कछुओं की कम होती संख्या के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके आवासों की रक्षा करना है. उनके पुनर्वास की व्यवस्था तथा उनका बचाव करना है. जलवायु परिवर्तन के कारण भी कछुओं की कई प्रजातियां अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. कार्यक्रम में चंदन कुमार (फील्ड असिस्टेंट जलज), संतोष कुमार (फील्ड असिस्टेंट NMCG प्रोजेक्ट), गंगा प्रहरी एवं 50 बच्चे उपस्थित थे.

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