लखीसराय. लखीसराय जिला अपने पौराणिक इतिहास की वजह से हमेशा चर्चा में रहा है. जिला के विभिन्न हिस्सों से इसके प्रमाण भी मिलते रहते हैं. जिसे देखते हुए बिहार सरकार के द्वारा जिले के आधा दर्जन स्थलों को राजकीय धरोहर में भी शामिल किया जा चुका है. जिसमें से एक महत्वपूर्ण धरोहर लाली पहाड़ी की खुदाई वर्ष 2017 से किये जाने पर उससे बौद्ध महाविहार का विस्तृत भग्नावशेष व पुरातात्विक महत्व की अनेक चीजें बरामद हुई थी. जिसे संजोकर रखने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा वर्ष 2018 में ही लखीसराय में संग्रहालय निर्माण की घोषणा कर दी गयी थी. जिसके बाद भवन निर्माण निगम के द्वारा संवेदक बहाल कर लखीसराय संग्रहालय का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया. जिसके बाद वर्ष 2022 जून में ही एजेंसी के द्वारा संग्रहालय भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया था. जबकि विगत पांच जून 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा ऑनलाइन संग्रहालय भवन उद्घाटन भी कर दिया गया. बावजूद पेडस्टल व शोकेस नहीं रहने की वजह से संग्रहालय में जिले के विभिन्न हिस्सों से मिले पुरातात्विक मूर्तियों को नहीं रखे जाने से संग्रहालय विधिवत रूप से संचालित नहीं हो पा रहा था. अब मेसर्स रंजीत राय कंपनी को एक करोड़ 10 लाख की लागत से पेडस्टल व शोकेस निर्माण करने के लिए अधिकृत कर दिया गया. जिसके बाद विगत 25 अप्रैल से ही कंपनी के द्वारा इसका निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. संग्रहालय के बेसमेंट में इसका निर्माण कार्य किया जा रहा है. पेडस्टल व शोकेस कार्य की देखरेख करने वाले एक कर्मी ने बताया कि कुल 218 पेडस्टल व 26 शोकेस का निर्माण किया जा रहा है.
15 अगस्त को संग्रहालय आम जनों के लिए खोले जाने की हो रही बात
लखीसराय संग्रहालय के संचालित होने का सपना देखने वालों को अब इसे पूर्ण रूप से संचालित होते देखना दूर नहीं है. लखीसराय संग्रहालय अध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार यादव के अनुसार पेडस्टल व शोकेस का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है. डॉ यादव के अनुसार उनका लक्ष्य 15 अगस्त को संग्रहालय को आम जनता के लिए खोल देना है. इससे पूर्व पेडस्टल व शोकेस लगाकर लखीसराय के विभिन्न अस्थायी संग्रहालयों में रखी मूर्तियों व अन्य पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं को संग्रहालय में शिफ्ट कर दिये जाने की योजना है.संग्रहालय प्रारंभ हो जाने से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
लखीसराय संग्रहालय विधिवत संचालित हो जाने के बाद निश्चित रूप से जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की संभावना जतायी जा रही है. क्योंकि संग्रहालय में एक ही जगह पर लखीसराय के विभिन्न हिस्सों से मिली मूर्तियां व पुरातात्विक अवशेषों को देखने का अवसर मिल सकेगा और लोग लखीसराय के स्वर्णिम इतिहास से परिचित भी हो सकेंगे. वहीं आने वाले समय में जिला मुख्यालय स्थित लाली पहाड़ी के खुदाई स्थल को संरक्षित कर दिया जाना है. जिससे खुदाई में निकले बौद्ध महाविहार का विस्तृत स्वरूप को देखने के लिए भी पर्यटकों के लखीसराय पहुंचने की संभावना है.संग्रहालय में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस सप्ताह
बता दें कि संग्रहालय का भवन काफी सुसज्जित तरीके से बनाया गया है. जिसमें इंडोर थियेटर व आउटडोर थियेटर का भी निर्माण किया गया है. यही वजह है कि विगत 18 मई से अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर स्कूली बच्चों के बीच विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता का भी सफल आयोजन किया गया. जिसमें स्कूली बच्चों, अभिभावकों व शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता भी दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है