साधु-संतों ने निकाली स्वाभिमान यात्रा, हजारों हुए शामिल कोलकाता. नंगे पांव भगवा वस्रधारी हजारों साधु-संतों ने कोलकाता की सड़कों पर उतर कर सत्ताधारी पार्टी द्वारा किये जा रहे हमले और अभद्र भाषा का प्रयोग करने के खिलाफ अपने विरोध का इजहार किया. बंगीय संन्यासी समाज के आह्वान पर मायेर बाड़ी (शारदा मां के घर) बागबाजार से निकला यह जुलूस स्वामी विवेकानंद के जन्म स्थान तक गया, जहां साधु- संतों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के नीचे एकत्रित होकर अपने विरोध का इजहार किया. उनके साथ बड़ी संख्या में कोलकाता के आम लोग भी शामिल थे. रैली में शामिल कार्तिक महाराज ने पत्रकारों से कहा कि आज धर्म संकट में है, इसलिए साधु-संतों को राजपथ पर उतरना पड़ा है. जिस तरह से हजारों लोग सड़कों पर उतर कर उनलोगों का समर्थन कर रहे हैं, उससे उनका हौसला बढ़ा है. धर्म की रक्षा के लिए लोग आगे आ रहे हैं. पूर्णदास बाउल ने कहा कि आज जो दौर है, उसमें हिंदुओं को लगातार दबाया जा रहा है. सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में बाधा आ रही है. इससे हमलोगों की आत्मा दुखी है. धर्म बचाने के लिए सभी लोगों को आगे आना ही होगा. इस दौरान साधु-संतों ने बताया कि हाल ही में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारत सेवाश्रम के संत कार्तिक महाराज पर अशोभनीय टिप्पणी की थी. इसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गयी. साधु-संतों का अपमान होते देख खुद कार्तिक महाराज भी मैदान में आये. उन्होंने मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग करते हुए उन्हें चेतावनी दी कि अगर वह ऐसा नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को वह बाध्य होंगे. स्थिति को देखते हुए बंगीय साधु समाज की ओर से संत स्वाभिमान यात्रा का एलान किया गया था, जिसमें खुद कार्तिक महाराज, पूर्णचंद्र बाउल समेत अन्य साधु-संत शामिल हुए. बागबाजार से शुरू हुई संत स्वाभिमान यात्रा श्यामबाजार पांच माथा मोड होते हुए शिमला स्ट्रीट तक पहुंची. इस यात्रा को अपना समर्थन देने के लिए सड़कों के दोनों किनारे बड़ी संख्या में आम लोग खड़े थे, जो जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे. यह स्वाभिमान यात्रा केवल कोलकाता में ही नहीं हुई, बल्कि राज्य के विभिन्न इलाकों में भी निकाली गयी, जिसमें शामिल लोगाें ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा की गयी अमर्यादित टिप्पणी का विरोध किया. लोगों ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री से साधु समाज से माफी मांगने की मांग की.
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