सीवान. मौसम का तेवर कम होने का नाम नहीं ले रहा है.शुक्रवार को पुरवा हवा बहने से सुबह में राहत मिली.लेकिन दोपहर बाद तेज धूप के साथ उमस भरी गर्मी से लोग परेशान दिखे. बेचैन लोग ठंडी हवा की आस में लोग परेशान रहे. उमस रहने से शरीर का पसीना नहीं सूख पाता है. तपती धरती पर दिन के 10 बजे के बाद खाली पैर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.शुक्रवार को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.आर्द्रता 58 फीसदी दर्ज की गई. उमस के चलते 48 डिग्री सेल्सियस तापमान का अहसास लोगों को हुआ. अप्रैल में गर्म पछुआ हवा ने जन जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया था.इधर मई के शुरुआत में प्री-मानसून बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली थी.अब पुरवा हवा ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. पुरवा हवा चलने से उमस बरकरार है. जहां पर हवा का प्रवेश कम है, वहां लोग व्याकुल हो जा रहे हैं. घर में बेचैनी ज्यादा दिखती है. वहीं बाहर में धूप का सामना करना पड़ता है. मौसम के बदले मिजाज से बढ़ी उमस के कारण बूढ़े-बच्चे सभी परेशान हैं. कड़ी धूप की वजह से घर से बाहर निकलते ही लोग पसीने से लथपथ हो जाते हैं.रात्रि में हवा के रुकते ही लोगों की नींद खुल जाती है. गर्मी लोगों की नींद में खलल डाल रही है. सबसे ज्यादा परेशानी घरेलू महिलाओं को हो रही है. गृहिणी नेहा गिरी बताती हैं कि किचन में खाना बनाने के दौरान महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. अधिक गर्मी रहने से पंखे से निकलने वाली हवा भी गर्म निकलती है, जिससे शरीर को राहत नहीं मिल पाती है. . एसी-कूलर बंद होते ही बढ़ जाती है परेशानी घरों में लगे एसी-कूलर के बंद होते ही लोगों की परेशानी बढ़ जाती है.लोगों में बेचैनी छा जाती है. शाम ढलते ही ठंडी हवा की आस में बूढ़े-बच्चे महिला-पुरुष सभी घर की छतों पर टहलना शुरू कर देते हैं. भीषण गर्मी की वजह से शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों पर दोपहर के समय यात्रियों का आवागमन अत्यंत कम हो जाता है. शीतल पेय का लोग ले रहे सहारा भीषण गर्मी के बीच शहर में बाजार करने आये लोग राहत पाने के लिए शीतल पेय पदार्थों का सेवन कर रहे हैं. खासकर लस्सी, गन्ने का जूस, नींबू पानी, कोल्डड्रिंक्स और बेल के शर्बत का सेवन करना पसंद कर रहे हैं. इसके अलावे बाजार में तारबूज, खीरे, लालमी की खूब बिक्री हो रही है. इन फलों की डिमांड बढ़ गया है.शहर से ग्रामीण इलाके के दुकानदार इन फलों को खरीदकर बिक्री के लिए ले जा रहे हैं.
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