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छिपकली गिरे मध्याह्न भोजन खाने से 40 बच्चे बीमार

रफीगंज के अरथुआ मध्य विद्यालय के 102 बच्चों की करायी गयी जांच

रफीगंज. सरकारी विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से चलायी जा रही मध्याह्न भोजन योजना मनमानी, लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है. बच्चों को दी जाने वाली भोजन कभी-कभी जानेलवा साबित हो जाती है. राजकीय मध्य विद्यालय अरथुआ (हिंदी) में एनजीओ द्वारा तैयार किये गये मध्याह्न भोजन खाने से करीब 40 बच्चे बीमार हो गये. भोजन में मरी हुई छिपकली मिली. यह घटना शुक्रवार की है. जानकारी के अनुसार, हमेशा की तरह शुक्रवार की सुबह साढ़े नौ से 10 बजे के करीब विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को भोजन कराया गया. भोजन करने के कुछ ही क्षण बाद बच्चे पेट दर्द व कै-दस्त के शिकार हो गये. एक साथ जब दर्जनों बच्चों को उलटी के साथ पेट में दर्द होने लगा तो अफरा-तफरी की स्थिति बन गयी. बच्चे चिल्लाने लगे. देखते-देखते ग्रामीणों की वहां भीड़ लग गयी. बर्तन में रखे मध्याह्न के चावल की जांच की गयी तो उसमें पकी हुई छिपकली पायी गयी. इसके बाद उक्त भोजन को परोसने से रोक दिया गया. कुछ लोगों ने कासमा थाना पुलिस को सूचना दी. पुलिस की टीम पहुंची और बीमार बच्चों को सीएचसी पहुंचाया जाने लगा. एंबुलेंस से बच्चों को अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया.डॉक्टरों ने भी पूरी गंभीरता से अपनी डयूटी का निर्वहन किया. इधर, घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीओ संतन सिंह, एसडीपीओ अमित कुमार, सीओ भारतेंदु सिंह, बीडीओ उपेंद्र कुमार दास, डीइओ सुरेंद्र प्रसाद, बीइओ विनय शंकर दुबे सीएचसी पहुंचे और पीड़ित छात्रों से मिलकर घटना की जानकारी ली. रेडक्रॉस के सचिव दीपक कुमार ने भी अपनी टीम के साथ बच्चों को मदद पहुंचायी. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि सभी विद्यार्थी खतरे से बाहर है. जल्द स्वस्थ हो जायेंगे. इधर, डीपीआरओ श्वेता प्रियदर्शी ने कहा कि मात्र 40 बच्चों को ही अस्पताल में स्लाइन चढ़ाया गया व अन्य जरूरी दवा दिया गया. कुल 102 बच्चों को एहतियात के तौर पर अस्पताल पहुंचाया गया था. 40 बच्चों को छोड़ अन्य को जांच के बाद छोड़ दिया गया. लचर व्यवस्था से गुस्साये ग्रामीणों ने जताया विरोध मध्य विद्यालय अरथुआ में विषाक्त भोजन से बच्चों को बीमार पड़ने की सूचना पर उनके अभिभावक व ग्रामीण विद्यालय पहुंच गये और लचर व्यवस्था का जमकर विरोध किया. यूं कहे कि स्कूल से लेकर अस्पताल तक विरोध का दौर चला. डीइओ ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग के कारण विद्यालय के छात्र बीमार पड़े है. इस घटना में जो लोग भी दोषी पाए जायेंगे वे बख्से नहीं जासगे. ये बच्चे हुए बीमार खुशबू कुमारी, सुधानी कुमारी, शालिनी कुमारी, अन्नू कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, प्रीति कुमारी, चंदन कुमार, मिताली राज, लक्ष्मी कुमारी, रिया कुमारी, गुड़िया कुमारी, नेहा कुमारी, अंजलि कुमारी, पल्लवी कुमारी, कुसुम कुमारी, चमेली कुमारी, गुड़िया कुमारी, प्रियांशु कुमारी, प्रियंका कुमारी, हिमांशु कुमार, शिवानी कुमारी, शिवम कुमारी, लव कुमार, अमित कुमार, विक्रम कुमार, नीतू कुमारी, रिंकी कुमारी, निमरती कुमारी, रागिनी कुमारी, रानी कुमारी, नेहा कुमारी, ममता कुमारी, अमन कुमार, अमर कुमार, कोमल कुमारी, सकरी कुमारी, साधना कुमारी, प्रियरंजन कुमार, नैतिक कुमार, अमन कुमार, राजेश कुमार, रौशन कुमार, अंकुश कुमार, चांदनी कुमारी, सलोनी कुमारी, साधना कुमारी, रिशु कुमार, अलका कुमारी, अंशु कुमारी, शिवानी कुमारी, प्रिंसी कुमारी, सचिन कुमार, राजा कुमार, देवा कुमार, गोविंद कुमार, संतान कुमार, बिटटू कुमार, श्रीत कुमार, विशांत कुमार, उत्तम कुमार, धीरज कुमारआदि का का इलाज सीएचसी में किया जा रहा है. इनमें कई छात्र स्वस्थ हो गये जिन्हें एंबुलेंस से घर भेजा जा चुका है. एसडीओ ने बताया सूचना मिली कि फूड प्वाइजनिंग के कारण बच्चे बीमार पड़े है. मामले की जांच कराई जा रही है. जो भी दोषी पाये जाएंगे कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इधर एसडीपीओ ने बताया कि शुरू में 40 -50 बच्चे ही खाना खाये थे. कुछ बच्चे दहशत में भी बीमार पड़े है. खाना का सैंपल मंगवाया गया है. जांच के उपरांत कार्रवाई होगी.

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