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अगले चार दिन गर्मी बढ़ने की संभावना, बिजली की आंख मिचौली से परेशान उपभोक्ता

अगले चार दिन गर्मी बढ़ने की संभावना, बिजली की आंख मिचौली से परेशान उपभोक्ता

तेज धूप व गर्मी से जनजीवन हो रहा प्रभावित, मौसम विभाग द्वारा जारी वर्षा की संभावना रहा बेअसर

सहरसा.मौसम विभाग द्वारा जारी किये गये पूर्वानुमान से कहीं विपरीत मौसम ने करवट लेते लोगों को तेज गर्मी से झुलसने को विवश कर दिया है. मौसम विभाग ने जहां आगामी 26 मई तक तेज गर्मी से राहत की संभावना जतायी थी. वहीं 21 से 23 मई तक तेज आंधी के साथ जमकर बारिश की संभावना व्यक्त की थी. लेकिन इसके विपरीत बुधवार की संध्या हल्की बारिश के बाद गुरुवार से ही खिली धूप से तेज गर्मी ने लोगों को एक बार फिर से परेशान करना शुरू कर दिया. गुरुवार को जहां तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं शुक्रवार को यह बढ़कर 39 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. जो आगे भी अब बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है. मौसम विभाग द्वारा पिछले दिनों जारी किये गये बुलेटिन में आसमान में बादल छाये रहने व हल्की बूंदाबांदी की संभावना कोरा साबित हुई. सुबह से ही गर्मी परवान चढ़ी है. किसी तरह के राहत की संभावना तक नहीं दिख रही है. जेठ महीने की शुरुआत में ही गर्मी से लोगों के हालात बदहाल होने लगे हैं. अब तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना व्यक्त की गयी है. गर्मी से लोगों के बीमार होने की संख्या में तेजी आ गयी है. बच्चे से लेकर युवा, बूढे सभी परेशानी झेल रहे हैं. हालत यह बन गया है कि तेज धूप, लू एवं उमस से कहीं भी राहत नहीं मिल रही है. गर्मी में पेट एवं पाचन से जुड़ी समस्याएं सबसे ज्यादा होती है. जरा सी लापरवाही से उल्टी-दस्त की समस्या होने की पूरी संभावना रहती है.

तापमान में रोज हो रही बढोतरी

अप्रैल महीने की शुरुआत से ही मौसम में बदलाव आने लगा. प्रतिदिन तापमान में बढोत्तरी होती रही. जिससे अप्रैल महीने में पारा 42 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया. जबकि मई महीने के पहले सप्ताह में आंधी व वर्षा से गर्मी से लोगों को राहत मिली. उसके बाद एकबार फिर से गर्मी अपने प्रचंड रूप में आने लगी है. जिससे लोग परेशान हैं. उस पर बिजली की आंखमिचौली से लोग खासे परेशान हैं. आगे गर्मी की संभावना से ही लोग परेशान हो उठे हैं. गर्मी के कारण राह चलना काफी कठिन हो गया है. जबकि पूरा जून व जुलाई बाकी है. मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जताई गयी बारिश की संभावना नजर नहीं आ रही है. क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान अगवानपुर के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि शुक्रवार को पारा 39.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है. उन्होंने बताया कि अगले 28 मई तक तापमान में वृद्धि की संभावना है.

गर्मी बढ़ते ही बिजली की आंख मिचौली शुरू

बढती गर्मी के बीच बिजली की आंख मिचौली एकबार फिर से शुरू हो गयी है. जो आम लोगों के लिए बड़ी आफत बन गयी है. दिन हो या रात घंटों बिजली कट रही है. लोग रतजगा करने को विवश हो रहे हैं. जबकि पिछले दिनों कार्यपालक अभियंता विद्युत अमित कुमार ने विभागीय अधिकारियों सहित कर्मियों की बैठक कर 24 घंटे के अंदर विद्युत संबंधी कार्य संपन्न करते शहरी क्षेत्र में निर्बाध रूप से 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का निर्देश दिया था. लेकिन उनके निर्देश पर भी विद्युत आपूर्ति में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. गुरुवार को जहां थोडी गर्मी बढ़ी घंटों आपूर्ति बाधित होने लगी, जो देर रात्रि तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जारी रहा. जिससे लोगों में बैचेनी रही. विभागीय कनीय अभियंता के अनुसार भीषण गर्मी के कारण फॉल्ट आने से आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई. जिससे शहरी क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर आपूर्ति बाधित हुई. हालांकि कर्मियों द्वारा ठीक किया गया. शहरी क्षेत्र के बटराहा से लेकर गंगजला व हटिया गाछी क्षेत्र में रात्रि में घंटों आपूर्ति बाधित रही. यह हाल शुक्रवार को भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रही. जिससे लोग परेशान रहे. जबकि जिले में आवश्यकता अनुसार जिले में विद्युत आपूर्ति की बात विभागीय अधिकारी कहते हैं. सहायक विद्युत अभियंता सुशील कुमार सुधांशु ने बताया कि अभी पीक आवर में 17 मेगावाट बिजली की जरूरत है. जिसमें राज्य स्तर से कमी होने पर पावर सप्लाई में कटौती करना मजबूरी होती है. अत्यधिक गर्मी बढने से मांग बढती है. जिस कारण कभी कभी लोड शेडिंग की नौबत आ जाती है. उन्होंने बताया कि मांग के अनुरूप बिजली आपूर्ति नहीं होने की स्थिति में ही लोड शेडिंग करना विभाग की मजबूरी होती है. आपूर्ति मुताबिक अभी बिजली उपलब्ध हो रही है. कहीं कहीं कुछ तकनीकी समस्या व केबल जलने से शहरी क्षेत्र में विद्युत बाधित हो रही है. जिसे तत्काल ठीक करा लिया जाता है.

धूप में बाहर जाते समय करें सुरक्षात्मक उपाय

मौसम की गतिविधियों में परिवर्तन को देखते हुए शारीरिक तनाव हो सकता है. जिसके परिणाम स्वरूप गंभीर बीमारी हो सकती है. इससे बचने के लिए धुप में विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच बहार जाने से बचें. बाहर का तापमान अधिक होने पर श्रमसाध्य गतिविधियों से बचें. अपने घर को ठंडा रखे. रात में परदे, शटर या सनशेड का प्रयोग करें व खिड़कियों को खोलें. जितनी बार संभव हो भले प्यास न लगी हो पानी पीते रहें. यात्रा के दौरान अपने साथ पानी जरुर रखे. हलके रंग के ढीले व सूती कपडे पहने. धूप में बाहर जाते समय सुरक्षात्मक चश्मे, छाता, टोपी, जूते या चप्पल का प्रयोग करें. पंखे, नम कपड़े का प्रयोग व बार-बार ठंढे पानी से स्नान करें. शराब, चाय, कॉफी एवं कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें. जो शरीर को निर्जलित करते हैं. पशुओं को छाया में रखे व उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें. बीमार महसूस करने पर तुरंत चिकित्सक के पास जायें. ओआरएस, घर के बने पेय लस्सी, चावल का पानी, निम्बू पानी खाने में उपयोग करें. जो शरीर को हाईड्रेट करने में मदद करते हैं. उच्च प्रोटीन वाले भोजन से बचें व बासी भोजन न करें.

बढ़ गयी है ह्यूमिडिटी, पारा पहुंचा 39 के पार

तापमान बढ़ने से ह्यूमिडिटी काफी बढ़ गयी है जो लोगों को बेचैन कर रहा है. जानकारी देते अगवानपुर कृषि महाविद्यालय के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि ह्यूमिडिटी के बढ़ने से गर्मी लोगों को ज्यादा सता रहा है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 39 डिग्री सेल्सियस गर्मी रिकार्ड की गयी है. अगले पांच दिनों में गर्मी बढने की संभावना है जो 42 डिग्री सेल्सियस तक जा सकती है. उन्होंने बताया कि कोसी क्षेत्र में 13 से लेकर 15 जून तक मानसून एंट्री होने की संभावना है.

गर्मी में ताजा व हल्का करें भोजन

जेनरल फिजिसियन डा तारिक ने कहा कि गर्मी में डाइट का बहुत ख्याल रखना चाहिए. ऐसी चीजें खानी चाहिए, जो हल्की हों एवं आसानी से पच जाये. ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करना चाहिए. जितनी भूख हो उससे थोड़ा कम खायें एवं ज्यादा तेल मसाले वाले खाने से परहेज करें. गर्मी में स्वस्थ रहने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना सबसे ज्यादा जरूरी है. गर्मी का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है. बदलते मौसम में होने वाली बीमारियां उन्हें आसानी से जकड़ लेती हैं. इसलिए उनके खानपान पर खास ध्यान दें. जंक फूड, नूडल्स बिल्कुल भी न दें. दोपहर के समय बच्चों को खेलने के लिए घर से बाहर न जाने दें. आमलोगों को भी दिन भर में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिये. इसके अलावा जूस, दही, दूध, छाछ, लस्सी, नींबू पानी, ग्लूकॉन डी पीते रहना चाहिए. इस मौसम में तरबूज और खीरा जैसे पानी वाले फल का सेवन जरूर करना चाहिए. इसके अलावा संतरे, अंगूर, लीची, चेरी, आड़ू एवं आम का सेवन करना चाहिए. इन फलों का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है. गर्मी में हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए. गर्मी में लौकी, करेला एवं भिंडी जैसी सीजन की सब्जियां जरूर खायें. खाने में दही, छाछ व लस्सी को शामिल करना चाहिये. इसके अलावा रोज नींबू पानी पियें. धूप से आने के बाद कुछ देर रूक कर पानी पियें व इससे भी ज्यादा जरूरी है कि आप फ्रिज के पानी पीने से बचें. घर से निकलना मजबूरी हो तो बैग में पानी की बोतल जरूर रखें. गर्मी के मौसम में शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखना बेहद जरूरी होता है. इसलिए अपने बैग में पानी की बोतल रखना भी जरूरी है. गर्मियों में कैफीनयुक्त चीजों को खाने-पीने से बचना चाहिये. खासकर चाय के सेवन से. नाश्ते में चाय की जगह जूस लें एवं घर से बिना कुछ खाये न निकलें.

फोटो – सहरसा 04 – तेज धूप से बचने का प्रयास करता ठेला चालक

फोटो – सहरसा 05 – बेल का जूस पीते लोग

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तपती गर्मी में लोगो के बीच जागरूक कर ओआरएस का वितरण कर रहे हैं रौशन

समाज सेवा से अलग पहचान बना रहे हैं रौशन मिश्रा

सहरसा . कहते है मन में सेवा का भाव हो एवं जुनून हो तो कुछ भी संभव हो सकता है.आज वर्षो से सहरसा में युवा समाजसेवी रौशन मिश्रा को समाज के लिए समर्पित देखा गया है. अपनी टीम रोटी बैंक के साथ कई वर्षो से दिव्यांग, निचले तबके के लोगों की सेवा कर रहे हैं. बहुत कम समय में शहर में एक पहचान बनाने वाले रौशन मिश्रा अब किसी परिचय के मोहताज नहीं है. अब जारी तेज धूप व गर्मी से गरीबों व जरूरतमंदों के बीच ओआरएस के साथ हेल्थ सप्लीमेंट्री वितरण कर रहे हैं. तेज गर्मी में दैनिक मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले मजदूर रिक्शा, ठेला चलाकर अपना परिवार का भरण पोषण के चलते लू लग जाने के कारण बीमार पड़ जाते हैं. फिर परिवार पर आफत आ जाती है. इसी को लेकर युवा समाजसेवी रौशन मिश्रा ने शहर के विभिन्न स्थानों पर जाकर मेहनत मजदूरी करने वाले को जागरूक किया. साथ ही बताया कि पानी शरीर के लिए कितना जरूरी है. शहर के महावीर चौक, स्टेशन रोड, शंकर चौक, चांदनी चौक पर ओआरएस का वितरण किया. उन्होंने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है. उनके पिता पेशे से शिक्षक थे. प्रारंभिक शिक्षा सिवान से प्राप्त करने के बाद संत जेवियर्स रांची से कॉलेज पास कर डिप्लोमा रेडियोग्राफी से करने के बाद वे स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बचपन से ही समाजसेवा के लिए समर्पित रहे. सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के बघवा गांव निवासी रौशन मिश्रा आज अपने सामाजिक व्यवहार से सभी के चहेते बन गये हैं. रौशन मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2004 -05 में ही वो मित्रों द्वारा शुरु किया गया अभियान जिसमें गांव के बच्चों के बौद्धिक विकास एवं शारीरिक विकास के अभियान के अहम हिस्सा रहे. इस अभियान का गांव में काफी प्रभाव पड़ा एवं युवाओं ने बहुत सारी नौकरियां भी ली. शहर की तरफ रुख करने के बाद भी समाजसेवा के प्रति रुझान नहीं खत्म हुआ. यहां भी सामाजिक कार्यकर्ता बन कर सेवा करते रहे. वर्ष 2017 में अपने दोस्तों रौशन भगत, पंकज, रवि, राहुल, अजय, चंदन के सहयोग से रोटी बैंक को नया मुकाम दिया जो अनवरत सेवा जारी है. वे शहर के किसी भी सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते आ रहे हैं। चाहे चिकित्सा का क्षेत्र हो या सामाजिक क्षेत्र हो अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते हैं. रौशन मिश्रा ने कहा की लोगों की सेवा करना ही उनका धर्म एवं जीवन का लक्ष्य है.

फोटो – सहरसा 06 – जरूरतमंदों के बीच ओआरएस वितरण करते रौशन मिश्रा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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