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Covid 19: बढ़ रहे कोविड के मामले, जानें नये फ़्लर्ट वेरियंट से जुड़ी कुछ बातें

Covid 19: फ्लर्ट वेरिएंट ओमिक्रॉन वंश से जेएन.1 के सबवेरिएंट का एक समूह है. जेएन.1 का पता अगस्त 2023 में लगाया गया था और दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे ध्यान देने लायक घोषित किया गया था.

Covid 19: कोविड को हमारी जिंदगी में आए हुए चार साल से भी ज्यादा हो गए हैं. हालांकि, कोविड का कारण बनने वाले वायरस सार्स-कोव-2 के बारे में अभी भी बहुत कुछ सीखना बाकी है, कम से कम एक बात स्पष्ट लगती है कि यह यहीं रहेगा. मूल वुहान वैरिएंट से लेकर डेल्टा, ओमिक्रॉन और बीच में कई अन्य वैरिएंट तक, वायरस का विकास जारी है. नए वेरिएंट ने बार-बार संक्रमण की लहरें फैलाई हैं और इस बदलते वायरस के व्यवहार को समझने की कोशिश कर रहे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को चुनौती दी है. अब, हम वेरिएंट के एक नए समूह, तथाकथित “फ्लर्ट” वेरिएंट का सामना कर रहे हैं, जो ऑस्ट्रेलिया और अन्य जगहों पर कोविड संक्रमण की बढ़ती लहर में योगदान दे रहा है. तो वे कहां से आए हैं, और क्या वे चिंता का कारण हैं? कोविड फ़्लर्ट वेरियंट

ओमिक्रॉन का वंशज

फ्लर्ट वेरिएंट ओमिक्रॉन वंश से जेएन.1 के सबवेरिएंट का एक समूह है. जेएन.1 का पता अगस्त 2023 में लगाया गया था और दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे ध्यान देने लायक घोषित किया गया था. 2024 की शुरुआत तक, यह ऑस्ट्रेलिया और दुनिया के बाकी हिस्सों में सबसे प्रमुख संस्करण बन गया था, जिससे बड़े पैमाने पर संक्रमण के मामले सामने आए. जैसे-जैसे नए वेरिएंट सामने आते हैं, वैज्ञानिक उनके संभावित प्रभाव को समझने की कोशिश में कड़ी मेहनत करते हैं. इसमें उनके जीन को अनुक्रमित करना और बीमारी फैलाने, संक्रमित करने और पैदा करने की उनकी क्षमता का आकलन करना शामिल है. 2023 के अंत में वैज्ञानिकों ने अमेरिका में अपशिष्ट जल में जेएन.1 के उप-प्रकारों की एक सीरीज का पता लगाया. तब से, केपी.1.1, केपी. 2 और केपी.3 सहित ये जेएन.1 सबवेरिएंट सामने आए हैं और दुनिया भर में अधिक आम हो गए हैं.

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लेकिन फ्लर्ट नाम क्यों?

इन सबवेरिएंट के अनुक्रमण से वायरस के स्पाइक प्रोटीन में कई नए उत्परिवर्तन का पता चला, जिनमें एफ456एल, वी1104एल और आर346टी शामिल हैं. इन उत्परिवर्तनों में अक्षरों को मिलाकर फ्लर्ट नाम गढ़ा गया था. स्पाइक प्रोटीन सार्स-कोव-2 की सतह पर एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है जो वायरस को कांटेदार आकार देता है और जिसका उपयोग वह हमारी कोशिकाओं से जुड़ने के लिए करता है. अमीनो एसिड बुनियादी निर्माण खंड हैं जो एक साथ मिलकर प्रोटीन बनाते हैं और स्पाइक प्रोटीन 1,273 अमीनो एसिड लंबा होता है. संख्याएं स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन के स्थान को दर्शाती हैं, जबकि अक्षर अमीनो एसिड उत्परिवर्तन को दर्शाते हैं. उदाहरण के लिए, एफ456एल हो तो 456 पर एफ (फेनिलएलनिन नामक एक अमीनो एसिड) से एल (अमीनो एसिड ल्यूसीन) में परिवर्तन को दर्शाता है.

हम फ्लर्ट की विशेषताओं के बारे में क्या जानते हैं?

स्पाइक प्रोटीन के वे क्षेत्र जहां उत्परिवर्तन पाए गए हैं, दो मुख्य कारणों से महत्वपूर्ण हैं. पहला है एंटीबॉडी बाइंडिंग, जो उस डिग्री को प्रभावित करता है जिस तक प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस को पहचान सकती है और उसे बेअसर कर सकती है. दूसरा मेजबान कोशिकाओं के लिए वायरस का बंधन है, जो संक्रमण पैदा करने के लिए जरूरी है. ये कारक बताते हैं कि क्यों कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि फ्लर्ट सबवेरिएंट पहले के कोविड वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकते हैं. ऐसे भी शुरुआती सुझाव हैं कि फ्लर्ट सबवेरिएंट मूल जेएन.1 वैरिएंट की तुलना में पूर्व संक्रमणों और टीकाकरण से प्रतिरक्षा से बेहतर तरीके से बच सकते हैं. हालांकि, इस शोध की अभी सहकर्मी-समीक्षा (अन्य शोधकर्ताओं द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित) की जानी बाकी है. अधिक सकारात्मक समाचार में, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि फ्लर्ट वेरिएंट पहले वाले वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है. फिर भी, इसका मतलब यह नहीं है कि फ्लर्ट द्वारा संचालित कोविड संक्रमण की चपेट में आना जोखिम-मुक्त है. हालांकि, कुल मिलाकर, इन नए फ्लर्ट सबवेरिएंट पर प्रकाशित शोध के संदर्भ में अभी सिर्फ शुरूआती समय है. फ्लर्ट की विशेषताओं के बारे में अधिक समझने के लिए हमें सहकर्मी-समीक्षित डेटा की आवश्यकता होगी.

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फ्लर्ट का उदय

अमेरिका में, फ्लर्ट ने प्रमुख स्ट्रेन के रूप में मूल जेएन.1 वैरिएंट को पीछे छोड़ दिया है. अमेरिका के नवीनतम डेटा से पता चलता है कि मूल जेएन.1 16% से कम मामलों के लिए जिम्मेदार है. हालांकि, हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में फ्लर्ट सबवेरिएंट का पता चला था, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, मई के मध्य तक एनएसडब्ल्यू स्वास्थ्य डेटा से पता चला कि केपी.2 और केपी.3 नमूनों का अनुपात लगातार बढ़ रहा था.
दुनिया के अन्य हिस्सों में, जैसे कि यूनाइटेड किंगडम में, फ्लर्ट सबवेरिएंट इसी तरह बढ़ रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया में, जैसे-जैसे तापमान में गिरावट जारी है, और हम सर्दियों के महीनों में प्रवेश कर रहे हैं, श्वसन वायरस का प्रसार आम तौर पर बढ़ जाता है और मामलों की संख्या चरम पर पहुंच जाती है. इसलिए यह अनुमान है कि कोविड ​​​​मामलों की संख्या में वृद्धि होगी. और फ्लर्ट सबवेरिएंट बढ़ी हुई “फिटनेस” के प्रमाण दिखा रहे हैं, जिसका अर्थ है कि वे हमारे शरीर की प्रतिरक्षा सुरक्षा के खिलाफ एक मजबूत चुनौती पेश करते हैं, यह संभव है कि वे जल्द ही ऑस्ट्रेलिया में प्रचलित प्रमुख सबवेरिएंट के रूप में जगह बना लेंगे.

मैं कैसे सुरक्षित रह सकता हूँ?

चूँकि फ्लर्ट वेरिएंट्स ओमिक्रॉन के वंशज हैं, इसलिए ऑस्ट्रेलिया में ओमिक्रॉन एक्सबीबी.1.5 के मुकाबले मौजूदा बूस्टर के पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने की संभावना है. हालांकि, यह आपको संक्रमित होने से रोकने की गारंटी नहीं देता है, फिर भी कोविड टीके गंभीर बीमारी के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसलिए यदि आप पात्र हैं, तो इस सर्दी में अपनी सुरक्षा के लिए बूस्टर लेने पर विचार करें. सार्स-कोव-2 अब एक स्थानिक वायरस है जिसका अर्थ है कि यह दुनिया भर में फैलता रहेगा. ऐसा करने के लिए, वायरस जीवित रहने के लिए उत्परिवर्तन करता है – आमतौर पर केवल थोड़ा सा. नए फ्लर्ट सबवेरिएंट इसके उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जहां वायरस प्रसारित होने और बीमारी का कारण बनने के लिए पर्याप्त रूप से उत्परिवर्तित होता है. अभी तक ऐसा कोई सुझाव नहीं है कि ये सबवेरिएंट अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन रहे हैं. इसकी अधिक संभावना है कि वे लोगों को फिर से कोविड की चपेट में ला देंगे. हालांकि, इस स्तर पर हमारे पास मौजूद जानकारी हमें विशेष रूप से फ्लर्ट वेरिएंट के बारे में चिंता का कोई महत्वपूर्ण कारण नहीं देती है, फिर भी हम एक बार फिर बढ़ते हुए कोविड संक्रमण का सामना कर रहे हैं. और हम जानते हैं कि जो लोग अधिक उम्र के हैं या कमज़ोर हैं, उदाहरण के लिए चिकित्सीय स्थितियों के कारण जो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती हैं, वे अधिक जोखिम में बने रहते हैं.

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