प्रतिनिधि, जगन्नाथपुर
मालुका में ग्रामीण मुंडा हरीश बोबोंगा की अध्यक्षता में गांव की मूलभूत समस्याओं को लेकर ग्रामसभा हुई. ग्रामसभा में गांव के 18 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण को लेकर चिंतन किया गया. सामाजिक कार्यकर्ता मानस रंजन चक्र व रमेश सिंकु ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 6-14 वर्ष की आयु के लिए बनी और लागू हुई है. इस अधिनियम को बने लगभग 14 वर्ष बीत चुके हैं. बावजूद इस अधिनियम के अनुरूप आज भी कई विद्यालय में मानव संसाधनों और आधारभूत संसाधनों की कमी है. साथ ही आज भी मालुका पंचायत के कई 6-14 वर्ष के बच्चे विद्यालय शिक्षा से बाहर हैं. नामांकन से लेकर शिक्षा पाने तक में कई तरह के दस्तावेज बाधा बनते हैं, जिस कारण कई बच्चों का नामांकन समय पर नहीं हो पाता है. यदि बाल श्रम और बाल विवाह को रोकना है, तो बच्चों को नियमित शिक्षा से जोड़े रखना होगा.कई अबुआ आवास के लाभुकों के पास बैंक पासबुक नहीं
ग्रामीण मुंडा हरीश बोबोंगा ने कहा कि अपने बच्चों को सरकार की योजना का लाभ दिलाना है, तो आधार और पासबुक बनवाना आवश्यक है. कई अबुआ आवास के लाभुकों के पास बैंक पासबुक नहीं है. सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सिंकु ने कहा कि बिना आधार, पासबुक व अन्य दस्तावेज के 6-14 वर्ष के बच्चों का विद्यालय पहले नामांकन लें.आंगनबाड़ी केंद्र शिक्षा पाने का बेहतर माध्यम
वहीं, मुखिया श्रीमति बोबोंगा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में 3-5 के बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रहती है, जबकि आंगनबाड़ी केंद्र इन बच्चों के लिए स्कूल पूर्व शिक्षा पाने का सबसे अच्छा माध्यम है. अभिभावक अपने बच्चों को आंगनबाड़ी व स्कूल भेजें. समाजिक कार्यकर्ता विपिन गोप ने कहा कि अभिभावकों की लापरवाही, जागरूकता और अशिक्षा के कारण बच्चों के साथ कई तरह की समस्याएं रहती हैं. पहले अभिभावक बच्चों के भविष्य की चिंता करें. मौके पर सुचित्रा देवी, राकी टोपनो, सुचित्रा देवी आदि उपस्थित थीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है