राउरकेला. पुरुष हॉकी विश्वकप 2023 को बीते एक साल पूरे हो चुके हैं और दूसरे साल में प्रवेश कर चुका है. लेकिन इतने कम समय में ही शहर की खुबसूरती अब अपनी रंगत छोड़ने लगी है. एयपोर्ट के पास बड़े ताम-झाम के साथ लगायी गयी हॉकी खिलाड़ी की प्रतिमा के हवा के झोंकों से धराशायी होने के बाद अब तक इसे दोबारा खड़ा नहीं किया जा सका है. कब तक हो पायेगी, इसकी भी कोई जानकारी नहीं है. इधर, शहर की अलग-अलग सड़कों के डिवाइडर के बीच लगाये गये पाम ट्री भी सूखने लगे हैं. कई तो पूरी तरह सूख चुके हैं. इन सभी का रखरखाव प्रशासन की प्राथमिकता में कहीं नजर नहीं आ रहा है. इतना ही नहीं बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम और राउरकेला एयरपोर्ट के बीच सड़क पर राहगीरों के बैठने के लिए लगायी गयी कुर्सियां भी टूट रही हैं. इनकी ना तो मरम्मत हो रही है और ना ही रिप्लेस किया जा रहा है.
सभी इलाकों में एक जैसे हालत
शहर में पानपोष, गांधीचौक से उदितनगर आंबेडकर चौक, बसंती कॉलोनी से मालगोदाम चौक, टिंबर कॉलोनी, छेंड, रिंग रोड, कलिंगविहार, हॉकी चौक से हनुमान वाटिका और आरएमसी चौक से बिरसा मुंडा चौक तक यह कीमती पाम ट्री लगाये गये थे. उस समय एक पेड़ की कीमत करीब 800 रुपये बतायी गयी थी. करीब 11 करोड़ 75 लाख रुपये खर्च कर यह प्लांटेशन किया गया था. हालांकि मालगोदाम चौक से लेकर टिंबर कॉलोनी तक कोई पेड़ नजर नहीं आता. केवल कुछ लोहे की सलाखें ही दिखाई दे रही हैं. छेंड कॉलोनी की मुख्य सड़क पर लगे 70 फीसदी पेड़ सूख गये हैं. शेष 30 प्रतिशत पेड़ मृत अवस्था में खड़े हैं. शहरवासियों का कहना है कि अगर इसी तरह की लापरवाही जारी रही, तो अगले कुछ दिनों में ये पेड़ दोबारा नहीं दिखेंगे.हॉकी खिलाड़ी की प्रतिमा दोबारा नहीं हो सकी स्थापित
बिरसा मुंडा स्टेडियम गेट नंबर-2 की ओर जाने वाली सड़क पर स्क्रैप मेटल से बनी हॉकी खिलाड़ी की विशाल प्रतिमा स्थापित की गयी थी. निर्माण के छह महीने भी नहीं हुए थे कि प्रतिमा हवा के झोंके से गिर गयी थी. बाद में प्रतिमा को हटाकर इसे टुकड़ों में काटकर अलग कर दिया गया. जिला प्रशासन ने कहा कि उस स्थान पर नयी प्रतिमा स्थापित होगी. लेकिन यह अब तक नहीं हो पाया. प्रतिमा की ऊंचाई 40 फीट थी. प्रतिमा को स्थापित करने के साथ ही करोड़ों रुपये के सजावट यहां पर की गयी थी. भुवनेश्वर की मशहूर मूर्तिकला कंपनी इमेजरी ने यह मूर्ति बनाई थी. प्रतिमा का निर्माण तीन महीने के अंदर पूरा किया गया था. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सात जनवरी, 2023 को राउरकेला की अपनी यात्रा के दौरान प्रतिमा का अनावरण किया था. तब से, यह प्रतिमा शहर के प्रसिद्ध सेल्फी पॉइंट में तब्दील हो गयी थी. हैरानी की बात यह है कि प्रतिमा के हवा के झोंके में गिरने के बावजूद इस सिलसिले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई.दीवारों पर बने चित्र भी छोड़ रहे हैं रंग
सड़क किनारे दीवारों, दीवारों व खंभों पर बनी तस्वीरों का रंग भी दिन-ब-दिन छूटता जा रहा है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. विश्व कप के दौरान सभी दावीरों में चित्र उकेरे गये थे, लेकिन एक साल से अधिक होने के बावजूद इसपर दोबारा रंग नहीं चढ़े हैं. नतीजतन सबकुछ धूमिल हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है