14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bhagalpur News: मम्मी चिल्ला रही थी, पापा मारते जा रहे थे, फिर सब शांत हो गया

मृतका रेशमा के बच्चों ने परिजनों को बतायी खौफनाक रात की कहानी

मृतका रेशमा के बच्चों ने परिजनों को बतायी खौफनाक रात की कहानी

सदरूद्दीनचक रेशमा की हत्या के बाद से उसके तीन बच्चों का बुरा हाल है. पुत्र अनस और पुत्री हीना और खुशबू ने मां को पिता के हाथों पिटते व दम तोड़ते हुए देखा है. तीनों सदमे हैं. अनस ने अपने नाना, मामा और नानी को पूरी कहानी का जिक्र करते हुए कहा है कि रात में मम्मी ने काफी अच्छा खाना बनाया था. खाना खाने के बाद रात करीब 12.30 बजे मम्मी और पापा के बीच झगड़ा होने लगा. झगड़े के बीच में पापा ने कबाब बनाने वाले सीक से मम्मी को मारने लगे और जिसके बाद मम्मी चिल्ला रही थी. वह डर के मारे दुबका हुआ था. हिलने पर पापा चुपचाप सो जाने को कहता था. मम्मी चिल्लाती जा रही थी और पापा उसे मारते जा रहे थे. जब मम्मी शांत हो गयी तो पापा सीक लेकर ही वहां से भाग गये. वे लोग बेड पर सोये थे जबकि मम्मी हमेशा जमीन पर सोती थी. मम्मी शांत हो गयी थी. उसे लगा कि मम्मी सो गयी है. इसके बाद वह भी सो गया. रोज सुबह मम्मी उसे जगाती थी लेकिन सुबह मम्मी ने उसे नहीं जगाया, वह आठ बजे सुबह उठा तो देखा कि मम्मी का चेहरा खून से लथपथ है. वह दौड़ कर नाना व मामा को बुलाया लाया. फिर उसे सबों ने बताया कि अब उसकी मम्मी नहीं रही.

एक समय वह भी था जब रेशमा के लिए जान देने को तैयार था परवेज

मोहल्ले के लोग कहते हैं. एक वक्त ऐसा भी था जब परवेज रेशमा के लिए जान देने को तैयार था. रेशमा की सहेलियों ने बताया कि परवेज रेशमा से बेइंतहा मोहब्बत करता था. दोनों ने साथ मरने जीने की कसमें खायी थी. परिवार विरोध के बावजूद दोनों एक दूसरे से मिलते थे. फिर दोनों के घरवालों ने उसकी शादी करा दी. मृतका रेशमा के पिता मो इबरार कहते हैं कि शादी के बाद परवेज नशेड़ी हो गया था. वह गांजा – शराब में लिप्त रहता था. उसे टोटो खरीद कर दिया लेकिन ठीक से टोटो भी नहीं चलाता था. उसने तो मेरी दुनिया ही उजाड़ दी.

माछीपुर में परवेज ने किया था फोन, कहा था कि आज रेशमा को आना होगा

बांका के बेलारी निवासी रेशमा की बहन का पति नसीम कहते हैं कि रेशमा के परिवार को हर विपत्ति से निकालने वाली महिला थी. रेशमा की मां इनमत तारा ने बताया कि रेशमा माछीपुर में अपने बच्चों के साथ थी. वह घर नहीं जाना चाहती थी. लेकिन परवेज ने फोन कर उसे जबरदस्ती बुलाया. शाम के समय जब रेशमा को परवेज ने फोन किया था तो रेशमा ने फोन अपनी मां को अन्य लोगों को दे दिया था. सबों को परवेज ने कहा कि आज तो रेशमा को आना ही होगा. इसके बाद सबों के रोकने के बाद भी रेशमा नहीं रुकी.

गमजदा हुआ पूरा परिवार

रेशमा को नजदीक से जानने वाले कहते हैं कि वह बड़ी साहसी महिला थी. परवेज दो वर्षों से उसे घर चलाने के भी पैसे नहीं दे रहा था तो वह सिलाई कढ़ाई का काम कर अपने बच्चों को पढ़ा रही थी. बच्चों के परवरिश में वह किसी भी प्रकार की कमी नहीं कर रही थी. रेशमा के भाई मो लल्लू, रहमत अली, मो हैदर अली, आजाद अली, दो बहनों का रो रो कर बुरा हाल था. देर शाम रेशमा को पास के ही कब्रिस्तान में मिट्टी दी गयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें