सुलतानगंज. मिरहट्टी गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा वाचिका श्रेयांशी पांडे ने कहा कि व्यक्ति की उन्नति में भागवत का काफी योगदान है. भगवान के बताये रास्ते पर चल कर जीवन तनाव मुक्त हो सकता है. कथा के दौरान वृंदावन की होली, कंस वध की कथा विस्तार से सुनाया गया. सुबह में कथा वाचिका व ग्रामीणों के साथ मिरहट्टी में प्रभात फेरी निकाली गयी. जगह-जगह कथावाचिका का स्वागत लोगों ने किया.
मानव जीवन ईश्वर भक्ति करने के लिए मिला है : स्वामी रामानंद शास्त्री
कहलगांव. शारदा पाठशाला खेल मैदान पर मर्हर्षि मेंहीं की 140वीं जयंती पर चल रहे नौ दिवसीय श्रीश्री 108 संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा त्रिवेणी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. ऋषिकेश से पधारे निर्द्वंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर परम पूज्य स्वामी रामानंद शास्त्री जी ने कथा के चौथे दिन कहा कि मानव के लिए परम धर्म क्या है. भगवान के चरणों में प्रीति हो जाना, निष्काम भाव से प्रेम ही मानव का सर्वोत्तम धर्म है. जितना हो सके मानव को अधिक से अधिक प्रभु का नाम स्मरण करना चाहिए. ऐसा नहीं है कि हम और आप भगवान को याद नहीं करते. करते हैं पर जब विपत्तियां आती है तब हम उसे याद करते हैं. जब सुख होता है, तो हम प्रभु को भूल जाते हैं. मानव जीवन का कोई भरोसा नहीं किस क्षण किस पल जीवन की लीलाएं समाप्त हो जाए. मानव जीवन ईश्वर भक्ति करने के लिए मिला है. संत सतगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस महाराज कहते हैं कि सबका ईश्वर एक है. ईश्वर तक जाने का रास्ता भी एक है. मानव मात्र का परम धर्म यही है कि वह ईश्वर का भजन करें. भगवान आपके सारे कष्ट का हरण कर सुख प्रदान करते हैं. मौके पर राजेन्द्र प्रसाद महतो, प्रवीण कुमार राणा, कुंदन कुमार, अरुण प्रसाद, योगेन्द्र तांती, गोपाल भगत सहित अन्य धर्मप्रेमी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है