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भागलपुर: स्कूल के सुनसान रास्ते में छात्राओं को छेड़ते हैं मनचले, विद्यालय से ट्रांसफर लेने की लगी होड़

बिहार के भागलपुर में एक सरकारी स्कूल के रास्ते में मनचले जमा रहते हैं और छात्राओं को छेड़ते हैं. शिकायत सामने आयी है.

अंजनी सिंह, सबौर
भागलपुर जिले के बहादुरपुर इंटरस्तरीय विद्यालय में नामांकित कुछ छात्राएं मनचलों से परेशान हो गये हैं. स्कूल जाते समय सुनसान रास्ते में कभी मोबाइल पर भद्दे गाने बजाता है. कभी-कभी तो हाथ भी पकड़ लेता है. मनचलों से न सिर्फ छात्राएं परेशान हो गयी हैं, बल्कि छात्र भी आजिज आ चुके हैं. ऐसे परेशान स्टूडेंट्स ने सबौर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन सौंप कर साफ शब्दों में कह दिया है कि बहादुरपुर इंटरस्तरीय विद्यालय में नहीं पढ़ना है.

स्कूल से ट्रांसफर कराने की लगायी अर्जी

मनचलों से परेशान विद्यार्थियों ने आवेदन दिया है कि उन्हें सबौर इंटरस्तरीय विद्यालय व बालिका उच्च विद्यालय में नामांकन कराने की अनुमति दे दें, ताकि शोहदों से पीछा छूटे. नामांकन की अनुमति लेने के लिए सबौर स्थित प्रखंड संसाधन केंद्र में शनिवार को 22 छात्र-छात्राएं पहुंच कर आवेदन सौंपा. घटना से संबंधित सभी छात्र-छात्राएं मीराचक व रानीतालाब इलाके के हैं.

विद्यार्थियों के शब्दों में, क्या है समस्या

मार्च, 2024 में इंटरस्तरीय विद्यालय, बहादुरपुर में नामांकन कराया. घर से विद्यालय की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है. स्कूल जाने की परिवहन की कोई भी सुविधा नहीं है. एनएच-80 से स्कूल के बीच में कोई घर-मकान नहीं है. सिर्फ जंगल और बगीचा है. इस सुनसान रास्ते पर नशेड़ी और मनचले लोग हर दिन छेड़खानी करता है. अनेकों प्रकार की धमकियां देता है. कभी गंदी-गंदी गाली देता है. कभी मोबाइल से गंदे गाने बजाता है. कभी-कभी तो हाथ पकड़ लेता है. अब हमलोग बहुत तंग आ गये हैं. लग रहा है कि हमारा भविष्य अब खराब होनेवाला है.

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अभिभावकों को भी धमकाते हैं मनचले..

छात्राओं ने कहा कि ये सारी बातें जब हम अपने गार्जियन को बताते हैं, तो मनचले हमारे गार्जियन को भी धमकियां देते हैं. शिक्षकों को बोलते हैं, तो वे स्कूल कैंपस तक ही देखरेख कर सकने की बात कहते हैं. उन मनचलों को हमलोग पहचानते भी नहीं हैं. वे लोग 10 से 15 की संख्या में रहते हैं. इन परेशानियों को देखते हुए हमें उच्च विद्यालय, बहादुरपुर से स्थानांतरित कर सबौर इंटरस्तरीय स्कूल व बालिका उच्च विद्यालय में नामांकन कराने की अनुमति दें. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम पढ़ाई छोड़ देंगे.

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का बयान..

आवेदन प्राप्त हुआ है. लेकिन मैं अवकाश पर हूं. सोमवार को इस संबंध में जिला से दिशा-निर्देश की मांग की जायेगी. निर्देश के आलोक में आगे की कार्रवाई की जायेगी.

दिव्यश्री राय, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, सबौर

प्रभारी प्रधानाध्यापक का बयान

विद्यालय के बाहर आने-जाने में परेशानी है. अभिभावकों को छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के प्रति चिंता है. इस वजह से अन्यत्र विद्यालय में नामांकन चाहते हैं. बहादुरपुर विद्यालय के अंदर किसी तरह की कोई समस्या नहीं है. छात्र-छात्राएं टीसी की मांग कर रहे हैं.

ममता कुमारी, प्रभारी प्रधानाध्यापक, इंटरस्तरीय उच्च विद्यालय, बहादुरपुर


प्रभात अपील

कहते हैं-एक बेटी पढ़ती है, तो पूरा परिवार पढ़ता है और यह सच भी है. लेकिन ऐसे मनचलों का मन बढ़ता रहा, तो बेटियां कैसे पढ़ेंगी. ऐसी स्थिति में समाज को भी आगे आना चाहिए. मनचलों पर अंकुश लगाने के लिए उनके अभिभावकों से संपर्क कर निदान निकालना चाहिए. पुलिस प्रशासन को भी स्कूल टाइम में लगातार गश्ती बढ़ा कर मनचलों पर नकेल कसने चाहिए. चारों तरफ से विरोध के स्वर मुखर होने पर वे छात्राओं को परेशान करने से पहले सौ बार सोचेंगे और छात्राएं बेखौफ होकर स्कूल आ-जा सकेंगी. माहौल को स्वस्थ बनाने के लिए शिक्षा विभाग के स्तर से भी कार्रवाई हो.

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