Gaya News: इन दिनों उमस भरी गर्मी ने सभी को बेहाल करके रख दिया है. इस मौसम में लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. एएनएमएमसीएच, सदर अस्पताल व पीएचसी से लेकर निजी क्लिनिकों तक भी मरीजों की भीड़ बढ़ गयी है. लोग मौसमी बीमारी से ग्रसित होकर काफी संख्या में उपचार कराने एएनएमएमसीएच, सदर व अनुमंडल अस्पताल में पहुंच रहे हैं. सर्वाधिक लोग कै, दस्त, बुखार व चेचक से पीड़ित हैं.
अस्पतालों में इलाज को आये मरीज बीमारी के साथ-साथ भीषण गर्मी व उमस से परेशान दिख रहे थे. गर्मी, सूरज की तपिश व उमस लोगों को बदहजमी और डिहाइड्रेशन का शिकार बना रहा है. खानपान में लापरवाही होने पर लोग बीमारी के शिकार हो जा रहे हैं.
क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉ एनके पासवान ने बताया कि खाने-पीने की आदतों पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. चिलचिलाती धूप में भी लोगों के शरीर में इम्यूनिटी बनी रहे. गर्मियों में शरीर से ज्यादा पसीना निकलने के कारण इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाता है. इसलिए खाने से पहले फल और सब्जी लेना जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि इन दिनों मगध मेडिकल अस्पताल में हर दिन 40-45 मरीज गर्मी के शिकार होकर डिहाइड्रेशन, चेचक व अन्य तरह के बीमारी का इलाज कराने यहां पहुंच रहे हैं.
डाॅ पासवान ने बताया कि इस सीजन में लोगों को नाश्ते में दूध, सभी फ्रूट शेक, जूस, फल, पोहा आदि लेना चाहिए. वहीं लंच में दाल को प्रमुखता से शामिल करें. इसके साथ सिजनल हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे बींस आदि के साथ दो या तीन चपाती और भरपूर सलाद लें. रात को भारी और ज्यादा खाना न खाएं. रात के खाने में रेशेदार सब्जी, चपाती और सलाद ले सकते हैं. भोजन में खिचड़ी भी शामिल की जा सकती है.
इन्फेक्शन का खतरा रहता है अधिक
सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने बताया कि गर्मियों के मौसम में तेज धूप से लोग परेशान हो जाते हैं. गर्मियों की धूप का असर आपकी बॉडी, स्किन, आंखों अन्य हिस्सों पर खासा पड़ता है. बहार निकलते वक्त धूप से बचने के लिए तौलिया या फिर गमछा जरूर रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस मौसम में बच्चों व बुजुर्ग को बचाव पर अधिक ध्यान देना होता है. धूप निकलने के बाद बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. घर में गर्मी से बचाव का इंतजाम रखें. इस मौसम पर चेहरे व शरीर पर दाने निकल आते हैं. स्कीन का इन्फेक्शन अधिक लोगों को होता है. उन्होंने बताया कि डायबिटिज व हाइब्लड प्रेशर के मरीजों को सावधान रहना जरूरी होता है.
हीट वेव के लिए अलग से किया गया है इंतजाम
हीट वेव के मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. इसमें एएनएमएमसीएच में 100 बेड, सदर हॉस्पिटल में पांच व पीएचसी, सीएचसी में दो-दो बेड आरक्षित रखे गये हैं. हालांकि, अब हीट वेव के शिकार मरीज स्पेशल वार्ड में भर्ती नहीं हो सके हैं. इस बीमारी से पीड़ित अब तक यहां पहुंचे ही नहीं हैं.
Also Read: नवादा में सड़क हादसा, आंख की जांच कराकर घर लौट रहे नाना-नाती की मौत