गया. सरकारी स्कूलों में नामांकन को लेकर शिक्षा माफिया सक्रिय हैं. बच्चों को सरकारी स्कूल में एडमिशन को लेकर उनके हाथों में फर्जी विद्यालय स्थानांतरण प्रमाणपत्र थमा दे रहे. गौरतलब है कि आठवीं कक्षा उत्तीर्ण बच्चों को नौवीं में एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है. मनपसंद स्कूलों में नामांकन को लेकर शिक्षा माफिया अभिभावकों का भी ब्रेनवॉश कर दे रहे. नतीजतन बच्चों को टीसी थमा कर खुद पीछे हट जा रहे हैं. हेडमास्टर व अफसर जब बारीकी से टीसी देखते हैं, तब इसके फर्जी होने का पता चलता है. बच्चों के भविष्य को देखते हुए हेडमास्टर व अफसर सकारात्मक रुख अपना रहे. बच्चे फर्जी टीसी कहां से ला रहे बता नहीं रहे. स्थिति यह है कि ऑरिजनल टीसी धारक बच्चों को भी जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है. उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्रॉस चेक में प्रतिदिन एक से दो फर्जी टीसी पकड़े जा रहे हैं. डीइओ डॉ ओम प्रकाश ने बताया कि फर्जी टीसी से एडमिशन नहीं हो इसके लिए रजिस्टर मेंटेंन किया जा रहा है. स्कूल से पूरा वेरिफाइ करवा रहे हैं. पकड़े जाने पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. मध्य विद्यालय सूर्यपुरा से आठवीं उत्तीर्ण एक छात्रा टीसी लेकर डीइओ कार्यालय पहुंची थी. डीइओ के काउंटर साइन के बाद मनचाहा स्कूल में एडमिशन लेना चाह रही थी. लेकिन टीसी देखते ही शिक्षा विभाग के कर्मी चौकन्ने हो गये. नकल को भी अक्ल की जरूरत कहावत टीसी में दिखी. बोधगया के स्कूल इंस्पेक्टर का साइन व मुहर गलत था. डीइओ कार्यालय से कुछ जरूरी कागजात लाने को कहा लेकिन दोबारा वह नहीं आयी. मध्य विद्यालय सूर्यपुरा से आठवीं उतीर्ण से संबंधित टीसी लेकर एक छात्र दूसरी पंचायत के स्कूल में एडमिशन के लिए डीइओ ऑफिस पहुंचा था, ताकि दूसरी पंचायत में स्थित स्कूल में एडमिशन के लिए परमिशन मिल जाये. लेकिन स्कूल का मुहर देखते ही अफसर व शिक्षा विभाग के कर्मी लड़के को जरूरी कागजात स्कूल से लाने को कहा. लेकिन वह दोबारा नहीं पहुंचा. इस दौरान उक्त फर्जी टीसी को फोटो खींच रख लिया गया. वेरिफाइ में भी संंबंधित स्कूल के हेडमास्टर ने इसे फर्जी बताया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है