मधेपुरा. दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी से लोग तेजी से बीमार हो रहे हैं. जिला अस्पताल के साथ निजी अस्पतालों में इलाज के लिए मरीजों की भीड़ उमड़ रही है. उमस भरी गर्मी का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. गर्मी से जहां जनमानस बेहाल है, तो वहीं उलटी, दस्त और डायरिया की शिकायत लेकर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. जिला अस्पताल हो या फिर प्राइवेट क्लीनिक हर जगह डायरिया से पीड़ित रोगियों की भीड़ लगी दिख रही है. वहीं सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में रविवार को डायरिया और उल्टी दस्त से पीड़ित आठ रोगी भर्ती कराये गये. उमस भरी गर्मी इन दिनों लोगों के स्वास्थ्य पर भारी असर पड़ रही है. गर्मी और दूषित खानपान से संक्रामक रोगों से पीड़ित रोगियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.
ठंडे पानी से बच्चों को न नहलायें, बरतें सावधानी- डॉ यश शर्मा
इन दिनों खान-पान में सावधानी जरूरी है. सुबह के नाश्ते में पोहा, उपमा, इडली, सूखे टोस्ट, परांठा आदि लिया जा सकता है, दोपहर में तले- भुने खाने के बजाए दाल, सब्जी, सलाद रोटी उपयुक्त रहती है.रात के खाने में रोटी और सब्जी ठीक रहती है. सूप इस मौसम में फायदेमंद रहता है. हल्दी डालकर दूध का सेवन पेट एवं त्वचा के लिये उपयुक्त रहता है. मौसम में बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ यश शर्मा ने बताया कि ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है. तबीयत बिगड़ने पर फौरन अस्पताल पहुंचें, अनदेखी न करें. ठंडे पानी से बच्चों को न नहलाएं, सावधानी बरतें. तापमान के उतार-चढ़ाव से बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा. जरा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है.साफ सफाई का रखें विशेष ख्याल
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ यश शर्मा बताते हैं कि आसपास जलजमाव होने से जलजनित बीमारी का भी भय बना रहता है. लोगों को चाहिए कि अपने आसपास जगहों को साफ रखें. साथ ही जहां पर जलजमाव हो या अपने घर के अगल-बगल में भी ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करते रहे. पानी में हौलोजन का टेबलेट देकर भी उसका उपयोग किया जा सकता है. साथ ही इस समय हर वक्त उबाला हुआ पानी ही पीना चाहिये. सुपाच्य भोजन अधिक खाने चाहिए. परेशानी होने पर तत्काल चिकित्सकों के पास जाकर सलाह लेनी चाहिए.
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया कि दवाई की नही है कमी
वही सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा फूल कुमार ने बताया कि बदलते मौसम के कारण इन दिनों लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आने लगे हैं. सदर अस्पताल में बुखार, डायरिया ,व उल्टी दस्त के अधिकांश मरीज ही इलाज के लिए आते हैं. जिनका आवश्यक इलाज कर उन्हें आवश्यक सलाह के बाद घर भेज दिया जाता है. सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग व ओपीडी में दवा की किल्लत नहीं है. इसके अलावा अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों को आवश्यक दवा के साथ-साथ राउंड के माध्यम से चिकित्सक चिकित्सीय सलाह उपलब्ध करा रहे हैं. वही इमरजेंसी वार्ड में मरीजों ने कहा कि बेहतर आहार के साथ-साथ दवा भी दी जस रही है. वहीं अस्पताल में प्रतिदिन डायरिया के चार से पांच मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है