प्रतिनिधि, तोरपा तोरपा के खजूरदाग मनमनी में रविवार को सरना धर्म सोतोः समिति का 11वां शाखा स्थापना दिवस सह सरना धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. सभा में केंदुआ मुंडा, जयपाल मुंडा और टेपइ कच्छप की अगुवाई में सरना स्थल में भगवान सिंगबोंगा की पूजा-पाठ कर सुख, शांति और खुशहाली की कामना की गयी. धर्मगुरु मधु बारला मुंडा ने कहा कि सिंगबोंगा की स्तुति से हमारी आत्मा में भक्ति व श्रद्धा बढ़ती है. समाज में प्रेम व भाईचारा की भावना पनपती है. इससे लोभ, लालच व अहंकार जैसे बुराइयां दूर होती है और जीवन में सुख, शांति और खुशहाली आती है. कहा कि भगवान के सामने सब बराबर हैं. जिससे सबको समान कृपा मिलती है. हमें इसके लिए सदा धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए और समाज में प्रेम व भाईचारा के साथ रहना चाहिए. मसीह गुड़िया ने कहा कि हमारे महापुरुषों ने अपने मूल धर्म को संगठित कर जिस समृद्ध समाज की कल्पना की, वह आज भी अधूरी है. वे न केवल धर्म-संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष किया बल्कि जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहे. आज हम उसी धर्म-संस्कृति व जल-जंगल-जमीन के संरक्षण के लिए ही सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं. अतः सरना कोड के लिए महापुरुषों से संकल्प लेकर डटकर संघर्ष करना चाहिए. सभा में तोरपा, तपकारा, कमडारा, खूंटी, मुरहू, बंदगांव, गुमला, रांची आदि जगहों के सरना धर्मावलंबी शामिल हुए. मौके पर सीताराम मुंडा, मथुरा कंडीर, सुषमा मुंडा, लुथड़ू मुंडा, बिरसा तोपनो, सुभाशिनी पूर्ति, किरण भेंगरा, जीतू पहान, भाजू मुंडा, रतिया मुंडा, सोमा हेंबरोम, बिरसा कंडीर, सुमित गुड़िया आदि ने विचार व्यक्त किये.
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