– कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये अवसरों को खो दिया, अनुमति केवल एक बार के लिए दी गयी थी वरीय संवाददाता, बोकारो ईपीएस 95 के लिए तीन महीने में अपने मांग पत्र में उल्लिखित पैसे जमा नहीं करनेवाले अब अपनी रकम जमा नहीं कर सकते हैं. अब इसकी अनुमति नहीं है, क्योंकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये अवसरों को खो दिया. कोर्ट के निर्देशानुसार यह अनुमति केवल एक बार के लिए थी. यह बातें रविवार को फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड स्टील इंप्लाईज-फोर्स के महासचिव राम आगर सिंह ने कहीं. कई कर्मियों ने अवसर का चयन नहीं किया : श्री सिंह ने बताया : यह मामला तब सामने आ रहा है, जब कर्मियों ने देखा कि उनके जिन सहकर्मियों ने तय समय में पैसा जमा कर दिया है और अब उन्हें जमा किये गये पैसे से कहीं अधिक एरियर मनी मिल रही है. अब उन्हें अधिक पेंशन मिल रही है, जो उनके लिए अविश्वसनीय थी. दु:खद है कि कई कर्मी, विशेष रूप से युवा व जिनकी सेवा 5-6 वर्ष से अधिक शेष थी, ने अवसर का चयन नहीं किया. ट्रेड यूनियनों के डेढ़ दशक के संघर्ष का परिणाम : राम आगर सिंह श्री सिंह ने कहा : हमें यकीन है कि इसी तरह का पुनर्विचार उनके परिवार में भी देर -सबेर उभरेगी, जब वे अन्य कर्मचारियों के साथ तुलना करेंगे. जिन्हें इस ईपीएस-95 योजना में निहित सामाजिक गारंटी के साथ अधिक पेंशन मिलेगी, जो ट्रेड यूनियनों के 15 वर्षों के सतत संघर्ष का परिणाम था. सरकार इस योजना को ईपीएस-95 के नाम पर लाने को विवश हुई थी. इससे कर्मियों को निश्चित रूप से लाभ होगा. लंबित है या प्रतीक्षारत : संसाधनों की कमी के कारण देरी मांग पत्र जारी करने की नवीनतम स्थिति के संबंध में श्री सिंह ने कहा कि प्रक्रिया जारी है और गणना की पद्धति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. यह गणना इसके अक्षरश: कार्यान्वयन तक अपरिवर्तित रहेगी. सर्वर प्रणाली जैसे संसाधनों की कमी के कारण देरी हो रही है. डीएल में मुख्य बाधा कार्यात्मक कर्मचारियों की कमी संगठनों/इकाइयों को जब डीएल मिल रहा है तो अधिकांश सेल इकाइयों को डिमांड लेटर नहीं मिल रहा है. इसके पीछे क्या कारण है? इसपर श्री सिंह ने कहा कि मुख्य बाधा कार्यात्मक कर्मचारियों, संगत सर्वर व कंप्यूटर की कमी है, जिसका उल्लेख ईपीएफओ व श्रम मंत्रालय के बीच पत्रों और आंतरिक संचार के अनुसार किया गया है. इसे व्हाट्सएप समूह में कई बार पोस्ट किया गया है. समय पर मांगे गये सभी दस्तावेजों का अनुपालन क्या ईपीएफओ द्वारा किसी तकनीकी आधार पर बीएसएल या भिलाई से संबंधित कर्मियों को इसके लाभ से वंचित करने का पत्र या अन्य उपायों से अब तक मना किया है? श्री सिंह ने कहा : नहीं, बीएसएल प्रबंधन समेत सेल की इकाइयों ने समय पर मांगे गये सभी दस्तावेजों का अनुपालन कर लिया है. अब एक भी मामला लंबित नहीं है. श्री सिंह ने कहा कि डीएल कब मिलेगा, इसका अनुमान की स्थिति में वह नहीं हैं.
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