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राज्य में कुष्ठ के सर्वाधिक नये मरीज गोड्डा जिले, देवघर चौथे स्थान पर

राज्य स्वास्थ्य विभाग की अप्रैल 2023 से लेकर मार्च 2024 का राज्य के सभी जिलों की रिपोर्ट जारी की गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष में राज्य में कुष्ठ के सर्वाधिक नये मरीज गोड्डा जिले में मिले हैं.

संवाददाता, देवघर:

राज्य स्वास्थ्य विभाग की अप्रैल 2023 से लेकर मार्च 2024 का राज्य के सभी जिलों की रिपोर्ट जारी की गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष में राज्य में कुष्ठ के सर्वाधिक नये मरीज गोड्डा जिले में मिले हैं. सरायकेला दूसरे व ईस्ट सिंहभूम तीसरे स्थान पर पर है. संताल परगना अंतर्गत देवघर जिला चौथे और दुमका छठे स्थान पर है. वहीं, पाकुड़ 15वें और साहिबगंज 18वें स्थान पर है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिले में हर साल स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान चलाया जाता है. इस अभियान के माध्यम से लोगों को कुष्ठ से बचाव को लेकर लोगों जागरूक किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग नये मरीजों की पहचान करने के साथ इलाज भी कर रहा है. इसके बावजूद कुष्ठ के मरीजों में कमी नहीं आ रही है.

गोड्डा जिला राज्य में पहले स्थान पर

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, गोड्डा जिले में वर्ष 2023-24 में 763 नये कुष्ठ मरीजों की पहचान हुई है, इसमें पीबी (पॉसिबैसिलरी) के 485 और एमबी (मल्टीबैसिलरी) के 278 मरीज शामिल थे. इनमें बच्चों की संख्या 28 है. , जबकि दूसरे स्थान पर रहे सरायकेला जिला में इस वित्तिय वर्ष में 710 नये कुष्ठ मरीजों की पहचान हुई है, जिसमें पीबी के 335 और एमबी के 375 मरीज मिले हैं. इसमें 69 बच्चे शामिल है. वहीं तीसरे स्थान पर इस्ट सिंहभूम जिला में 684 मरीजों की पहचान हुई है. जिसमें पीबी के 274 और एमबी के 410 मरीज और 85 बच्चे शामिल है. इसके अलावा चौथे स्थान पर रहे देवघर जिले में वर्ष 2023-24 में 676 नये कुष्ठ मरीजों की पहचान हुई है, इसमें पीबी (पॉसिबैसिलरी) के 421 और एमबी (मल्टीबैसिलरी) के 255 मरीज है, इसमें बच्चों की संख्या 70 है. जबकि दुमका जिला भी राज्य छठे स्थान पर है.

संताल परगना के किस जिले में कितने मरीज मिले व राज्य में प्राप्त स्थान

जिला पीबी एमबी कुल राज्य में स्थान

गोड्डा 484 276 763 01

देवघर 421 255 676 04

दुमका 336 258 594 06

जामताड़ा 156 114 270 14

पाकुड़ 85 157 242 15

साहेबगंज 63 135 198 18

क्या कहते हैं पदाधिकारी

देवघर जिला में लगातार मरीजों की खोज कर इलाज किया जा रहा था, इस कारण जिले में कुष्ठ मरीजों की संख्या कम हो रही है. जैसे- जैसे इलाज किया जायेगा मरीजों की संख्या कम होता चला जायेगा. बावजूद जिले में अभियान चला लोगों को जागरूक करने के साथ इलाज किया जा रहा है.

डॉ मनोज गुप्ता, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी

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पाकुड़ 15वें और साहिबगंज 18वें स्थान पर

पिछले दो वर्षों तक राज्य के सबसे अधिक देवघर जिले में मिले थे नये कुष्ठ मरीज

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