फोटो- 13 कैप्सन -उप स्वास्थ्य केंद्र सिंगिआवन किशनपुर एक समय था जब प्रखंड मेहासिमर पंचायत के सिंगिआवन गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भीड़ लगी रहती है. सुबह से शाम तक मरीजों का आना-जाना लगा रहता था. चिकित्सक, नर्स से लेकर दवा तक की सुविधा उपलब्ध थी. सिगिआवन, मेहासिमर, मधुरा, तुलापट्टी, फुलवरिया, कजही, झडका, जरौली, सोनबरसा, परसा सहित आसपास के कई गांवों के लोग इलाज कराने आते थे. लेकिन विभाग के उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते लाचार व बेवश मरीजों को या तो ग्रामीण चिकित्सकों की शरण में जाना पड़ता है. कई किलोमीटर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किशनपुर या सुपौल इलाज के लिए भटकना पड़ता है. 1960 में हुई थी स्थापना 1960 में सिगिआवन गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना हुई थी. स्थापना के कई वर्षों तक स्थिति ठीक रही, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता से अब स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बिगड़ रही है. कोरोना काल में भी इसकी हालत नहीं सुधरी. भले ही स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए लंबी चौड़ी बातें जरूर सुनने को मिली. उप स्वास्थ्य केंद्र अब खुद अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है. बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने के दावे करने वाली सरकार के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र हकीकत बयां करने के लिए काफी है. सरकारी स्तर पर यहां के लोगों की जरूरत समझने का प्रयास कभी नहीं किया गया. ऑक्सीजन सिलिंडर, पेयजल, पैथोलॉजी, एक्सरे एवं एंबुलेंस के अभाव के बीच यहां आकस्मिक स्थिति से निबटने की कोई व्यवस्था नहीं होने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. यहां चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी नहीं हैं और न ही अधिकारी व जनप्रतिनिधि इसकी सुधि ले रहे हैं. कहते हैं ग्रामीण ग्रामीण लक्ष्मी चौधरी, योगेंद्र चौधरी, बिनोद यादव, अशोक यादव, राजेंद्र यादव, सूर्य नारायण यादव, मनोहर यादव, श्याम यादव, बिनोद साह, सुदीन शर्मा, जगदीश शर्मा, चंद्र देव शर्मा, शंभू शर्मा, पांडव कुमार यादव, जब्बार, गफ्फार, पवन ठाकुर, बिनोद कुमार, गुंजन कुमार, अशोक मंडल, प्रकाश कुमार की मानें तो बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के नाम पर हेल्थ फोर ऑल की घोषणा धरातल पर कहीं नहीं दिख रही है. ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो सका. ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से इस केंद्र को अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र में परिवर्तित कर चिकित्सक नियुक्त करने की मांग की है. ताकि ग्रामीणों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़े. कहते हैं पीएचसी प्रभारी इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभिषेक कुमार का कहना है कि प्रखंड के किसी भी स्वास्थ्य उप केंद्र में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं है. वैसे भी यहां डॉक्टरों की कमी है. इस दिशा में सरकार को चाहिए कि डॉक्टर की बहाली कर प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की तैनाती करें.
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