कटिहार. साइबर अपराधियों ने महिला थाना में दर्ज कांड में फरार चल रहे आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर जांच पदाधिकारी बन महिला से ठगे रुपये 10 हजार की मांग करते हुए 5500 ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कराया. जब आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई तो महिला थाने पहुंची तथा महिला थाना से शिकायत की तो उन्हें पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति उसे थाने में नहीं है. तदोपरांत पीड़ित महिला साइबर थाना पहुंची तथा थानाध्यक्ष सह ट्रैफिक डीएसपी को लिखित आवेदन देते हुए कांड दर्ज कराया. साइबर क्राइम से जुड़ा हुआ यह पहला मामला सामने आया है. सहायक थाना क्षेत्र की रहने वाली एकावरी कुमारी ने साइबर थाना में सोमवार को मामला दर्ज कराया है. जिसमें महिला ने दर्शाया कि कुछ दिनों पूर्व महिला थाना में एक केस दर्ज कराया था. केस दर्ज होने के दो दिन बाद महिला को फोन आया. जिसमें दूसरी ओर से बात करने वाला ने महिला से कहा कि वह महिला थाना से बोल रहे है और आपके केस का जांच पदाधिकारी है.
दर्ज कांड के आरोपित की गिरफ्तारी को लगेंगे 10 हजार रुपये, 5500 ऑनलाइन किया ट्रांसफर
पीड़ित महिला को दूसरी ओर से बात कर रहे साइबर अपराधी ने अपने को जांच अधिकारी बताकर आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए कुछ खर्चा करने की बात कही. उन्होंने महिला से आरोपित को गिरफ्तार करने के नाम पर दस हजार रुपए की मांग की. जहां महिला फर्जी अनुसंधान कर्ता की बातों में फंस गयी और उन्हें ऑनलाइन 5500 भेज दिया. लेकिन कुछ दिन बीत जाने के बाद भी जब उसके द्वारा दर्ज करायें मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. महिला ने फिर से उस नंबर पर फोन किया तो वह स्विच ऑफ आया. जिससे महिला काफी घबरा गई और महिला थाना पहुंची. जहां उन्हें पता चला कि उन्हें कोई फोन थाना से नहीं किया गया है. वह साइबर क्राइम की शिकार हो गयी है. पीड़ित महिला के द्वारा साइबर थाना में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया गया है.साइबर थाना अध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने बताया कि आजकल किसी भी थाना में कोई केस दर्ज होता है तो उन्हें ऑनलाइन वेबसाइट पर डाल दिया जाता है. जहां से साइबर अपराधी उस केस के बारे में जानकारी प्राप्त कर दोनों पक्ष से बात कर ठगी करते हैं. ऐसे में इन मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए. क्योंकि पुलिस पदाधिकारी आरोपित पक्ष की गिरफ्तारी को लेकर कभी इसकी सूचना दूसरे पक्ष को नहीं उपलब्ध कराते हैं. ऐसे में सावधानी ही सतर्कता है. अगर आपके पास ऐसा कोई कॉल आता है तो उसमें सावधान रहिए.
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