संवाददाता, पटना हाइकोर्ट ने बिहार में बाल गृहों के कामकाज पर चिंता जताते हुए राज्य में ऐसे गृहों का हर महीने निरीक्षण करने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने बाल गृहों में रहने वाले बच्चों के साथ दुर्व्यवहार मामले में दायर रिट पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. न्यायालय ने कहा की रिट याचिकाओं में लगाये गये आरोप और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के मामले उचित पर्यवेक्षण न होने के कारण हुए हैं. कोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीशों और जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया कि वे कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों को रखने वाले सभी पर्यवेक्षण गृहों और सुरक्षित स्थानों का मासिक निरीक्षण करें. कोर्ट ने बाल गृहों की निगरानी के लिए जिला स्तरीय समितियों के गठन का भी आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि इन समितियों की अध्यक्षता जिला न्यायाधीश करेंगे. साथ ही इसमें जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, चिकित्सा क्षेत्र, बाल संरक्षण इकाई और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य शामिल होंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है