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अतिक्रमण व प्रदूषण की मार झेल रही चास की लाइफ लाइन गरगा नदी

नाली का गंदा पानी सीधे गिरता है नदी में, कई जगह नदी बन गया है जोरिया और नाला

संतोष कुमार, चास, चास-बोकारो की लाइफ लाइन मानी जाने वाली गरगा नदी अभी तक अतिक्रमण और प्रदूषण मुक्त नहीं हो सकी है. गरगा नदी की चौड़ाई कभी 200 से 300 फीट हुआ करता थी, लेकिन आज 50 से 100 फीट में सिमट कर रह गयी है. कई जगहों पर नदी जोरिया और नाला में तब्दील हो गयी है. नदी के किनारे की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है. कई लोग घर बनाकर रह रहे है तो, कई लोग व्यवसाय कर रहे हैं. इसके कारण नदी का जलस्रोत खत्म होते जा रहा है. एक दो बार जिला प्रशासन द्वारा गरगा नदी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी और अतिक्रमण का सिलसिला बढ़ता चला गया. अगर गरगा नदी को अतिक्रमण और प्रदूषण मुक्त नहीं किया गया तो नदी संकट में आ जायेगी और यह ऐतिहासिक धरोहर धीरे-धीरे मिट जायेगी. हमलोगों की आने वाली पीढ़ियां गरगा नदी को नाला के रूप में देखेगी और गरगा का कहानी सुनेगी.

चास नगर निगम क्षेत्र के दर्जनों कॉलोनियों का नाली का गंदा पानी सीधे गरगा नदी में गिरता है. नदी किनारे कई जगह खटाल बने हुए है .लोग खटाल के गोबर को नदी में बहा देते है. गंदा पानी और गोबर के बहाव के कारण नदी पूरी तरह दूषित हो गयी है. पानी इतना गंदा हो गया कि इसका उपयोग करने वालों को चर्मरोग हो जाता है. कभी गरगा नदी में स्नान करना लोग पवित्रता का प्रतीक मानते थे, लेकिन आज इस पानी से लोग दूर भागते है. गंदगी के कारण श्रद्धालु छठ सहित अन्य त्योहार घर पर करने लगे है. चौड़ाई कम होने के कारण नदी का रूप बदल गया है. लोगों को पूजा पाठ और तर्पण के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही है. चास श्मशान घाट के पास भी गंदगी भरा हुआ है. समय-समय नदी पर जलकुंभी भी पनप जाते है. नदी को अतिक्रमण मुक्त कराकर इसमें बहाए जा रहे गंदा पानी को बंद नहीं कराया गया तो प्रदूषण के कारण जलीय जीव नष्ट हो जायेगे साथ ही भूगर्भीय जल भी प्रदूषित होने लगेगा . गरगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए आमजनों को जागरूक होना होगा. गरगा नदी बचाओ संस्था के अलावा लोगों भी इस दिशा में पहल करनी हाेगी. जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देने की जरूरत है .

भू-माफियाओं की नजर

लगभग 35 किलोमीटर लंबी गरगा नदी के जमीन का अतिक्रमण लगातार जारी है. बारी को ऑपरेटिव से चीराचास तक जगह-जगह भू माफियाओं द्वारा गरगा नदी की जमीन का अतिक्रमण जारी है. प्रशासन द्वारा अगर सही तरीके से जांच की जाए, तो कई लोग और अधिकारी अतिक्रमण के मामले में फसेंगे.

जल्द अतिक्रमण और प्रदूषण मुक्त होगी गरगा नदी :

चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सौरभ कुमार भुवानिया ने कहा की गरगा नदी को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए योजना बनायी जा रही है. इसकी जानकारी विभाग को दी गयी है. अभियान चलाकर नदी को अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा. गरगा नदी का संरक्षण करना सभी का दायित्व है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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