पूर्वी शहर : खुले तारों को कवर्ड वायर से बदलने के लिए बिना सूचना के दर्जन भर से ज्यादा ट्रांसफॉर्मरों को रखा था बंदवरीय संवाददाता, भागलपुर
बिजली की हालात इतनी ज्यादा बिगड़ गयी है कि जितनी देर मिल नहीं रही है, उससे कहीं ज्यादा बंद रहने लगी है. आमलोगों को 24 घंटे निर्बाध आपूर्ति नहीं हो रही है. कभी हाई वोल्टेज कभी लो वोल्टेज से लोग परेशान हैं. पूर्वी शहर की समस्या तो और गंभीर है. इन क्षेत्र में यदि बिजली चली गयी तो कब आयेगी इसका कोई अता पता नहीं. आपूर्ति व्यवस्था बेपटरी हो गयी है. एक ओर जहां बिजली की लगातार कटौती से लोग बेहाल हैं, वहीं दूसरी तरफ बढ़ता तापमान लोगों को परेशान कर रहा है. बिजली आपूर्ति सुधार पर बिजली विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन इसका फायदा शहर के लोगों को नहीं मिला. वहीं, दो से ढाई सौ करोड़ खर्च भी कर रहा है. बावजूद, इसके लोगों को पसीने बहाने पड़ रहे हैं. सोमवार को बिना किसी को बताए बरारी फीडर की लाइन को बीच से बंद कर दिया. इससे दर्जन भर से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर बंद पड़ गया. सुबह 11 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक बंद रहा. इस कारण हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सहित कई मुहल्ले की बिजली आपूर्ति ठप रही. गर्मी से लोगों का हाल-बेहाल रहा. वहीं, जय बिहार कॉलोनी में एलटी लाइन का केबल जल गया. इस कारण शाम सात बजे से घंटों बिजली रही. रात नौ बजे के करीब केबल दुरुस्त होने के बाद बिजली मिली. इससे पहले उक्त इलाके के ट्रांसफॉर्मर में खराबी आ गयी थी, जिससे बिजली बंद रही थी.अद्भुत हनुमान मंदिर के पास गिरा केबल
सोमवार को दिन में यह स्थिति हो गयी कि हाइटेंशन लाइन का केबल पोल से नीचे गिर गया और झूलने लगा. हालांकि, इसमें कोई फॉल्ट नहीं आया लेकिन, आने-जाने वालों इस बात से आशंकित होना पड़ा कि कहीं अगर कटा होगा, तो करंट लग सकता है. वहीं, एक कार खड़ा था, जिसको छू रहा था.बरारी फीडर की लाइन हुआ ब्रेकडाउन
दिन में बरारी फीडर की 11 हजार वोल्ट की लाइन ब्रेकडाउन हो गया. इससे इलाके की बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. हालांकि, फॉल्ट ढूंढ़कर इसको चालू करा दिया गया. इस वजह से लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई.फेड उड़ने की शिकायत की रही भरमार
पूर्वी शहर के ट्रांसफॉर्मरों का फेज उड़ने की शिकायत की भरमार रही. ज्योति बिहार में शिव मंदिर स्थित ट्रांसफॉर्मर सहित मशाकचक, नवयुग विद्यालय के नजदीक, लाजपत पार्क स्थित बोरिंग, जवारीपुर सिंचाई कॉलोनी सहित दर्जनों जगह के ट्रांसफॉर्मरों का फेड उड़ गया था. फेज बनने में देरी से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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