Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ मास, जिसे जेठ के नाम से भी जाना जाता है, साल का सबसे गर्म महीना होता है. इस दौरान सूर्य अपनी चरम पर होते हैं और धरती तपती है. नदियों और तालाबों के सूखने से जल संकट गहरा जाता है, जिससे जल संरक्षण का महत्व और बढ़ जाता है.
धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास को जल संरक्षण का विशेष महत्व दिया जाता है. इस महीने में व्रत, पूजा और दान के माध्यम से जल बचाने और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस महीने में ग्रहों की चाल व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है. दान-पुण्य, पूजा-पाठ और व्रत रखने से ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव कम होते हैं.
तप और साधना का महीना
जेठ महीना तप और साधना का प्रतीक है. सूर्य की तपती हुई गर्मी में साधक कठोर साधना करते हैं और अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं.
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जल दान का पुण्य
जल दान करना इस महीने में अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. पक्षियों और जानवरों के लिए पानी का इंतजाम करना, गरीबों को पानी पिलाना और जरूरतमंदों की मदद करना इस महीने में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.
धार्मिक आस्थाएं और व्रत
गंगा दशहरा: इस पवित्र दिन में गंगा नदी में स्नान करना और दान करना पुण्यकारी माना जाता है.
निर्जला एकादशी: इस कठिन व्रत में 24 घंटे तक बिना जल ग्रहण किए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.
वट सावित्री व्रत: सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं.
ज्येष्ठ पूर्णिमा: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और दान-पुण्य किया जाता है.
देवी-देवताओं की पूजा
सूर्य देव: सूर्य की प्रचंड ऊर्जा से जीवन का संचार होता है. ज्येष्ठ मास में सूर्य देव की पूजा करने से स्वास्थ्य, शक्ति और सफलता प्राप्त होती है.
वरुण देव: जल के देवता वरुण देव की पूजा वर्षा के लिए की जाती है.
शनि देव: कर्मफल दाता शनि देव की पूजा से ग्रहों के दोष दूर होते हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं.
हनुमान जी: भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा इस महीने में विशेष फलदायी मानी जाती है.
भगवान विष्णु: ज्येष्ठ मास भगवान विष्णु का प्रिय मास है. इस महीने में उनकी पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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ज्येष्ठ मास किस प्रकार का महीना माना जाता है?
ज्येष्ठ मास तप और साधना का प्रतीक है, जिसमें साधक सूर्य की प्रचंड गर्मी में कठोर साधना करते हैं और अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं.
ज्येष्ठ मास का धार्मिक महत्व क्या है?
ज्येष्ठ मास में जल संरक्षण का विशेष महत्व है. इस महीने में पूजा, व्रत और दान के माध्यम से जल बचाने और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट किया जाता है.
ज्येष्ठ मास में कौन-कौन से प्रमुख व्रत होते हैं?
इस महीने में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, वट सावित्री व्रत, और ज्येष्ठ पूर्णिमा जैसे प्रमुख व्रत होते हैं, जिनका धार्मिक महत्व है.
इस महीने में जल दान का क्या महत्व है?
ज्येष्ठ मास में जल दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. पक्षियों, जानवरों और जरूरतमंदों को पानी पिलाना इस महीने का एक प्रमुख धर्म होता है.
ज्येष्ठ मास में किन देवताओं की पूजा की जाती है?
इस महीने में सूर्य देव, वरुण देव, शनि देव, हनुमान जी और भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है.