PAN Aadhaar Link: करदाताओं के लिए एक जरूरी खबर है. आधार नागरिकों की पहचान ही नहीं, बल्कि एक जरूरी दस्तावेज है. वहीं, पैन किसी भी व्यक्ति का स्थायी खाता नंबर है, जो उसकी वित्तीय स्थिति के साथ उसके लेनदेन को दर्शाता है. इसलिए, पैन को आधार से लिंक कराना हर नागरिक के लिए आवश्यक है. जो व्यक्ति पैन को आधार से लिंक नहीं कराते हैं, उन्हें दोगुना टैक्स देना पड़ता है. अब करदाताओं के मतलब की बात यह है कि अगर उनका पैन आधार से लिंक नहीं है, तो वे 31 मई 2024 तक यह जरूरी काम कर लें. ऐसा नहीं करने पर उन्हें आय के स्रोत पर टैक्स कटौती (टीडीएस) का दोगुनी दर पर भुगतान करना पड़ेगा. यह बात आयकर विभाग ने कही है.
आयकर विभाग ने जारी किया सर्कुलर
मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें, तो आयकर विभाग ने करदाताओं को ऊंची दर पर टैक्स कटौती से बचने के लिए 31 मई तक पैन को आधार से जोड़ने की सलाह दी है. आयकर नियमों के अनुसार, यदि स्थायी खाता संख्या (पैन) बायोमेट्रिक आधार से जुड़ा नहीं है, तो टीडीएस लागू दर से दोगुनी दर पर टीडीएस काटा जाएगा. इसके लिए आयकर विभाग ने पिछले महीने एक सर्कुलर भी जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्धारित तारीख 31 मई 2024 तक अपने पैन को आधार से जोड़ा जाता है, तो किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाएगी.
31 मई 2024 तक पैन को आधार लिंक कराना जरूरी
आयकर विभाग ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ट्विटर (एक्स) पर लिखा है कि ऊंची दर पर कर कटौती से बचने के लिए कृपया 31 मई 2024 से पहले अपने पैन को आधार से जोड़ें, यदि आपने पहले से नहीं किया है. आईटी विभाग ने एक अलग पोस्ट में बैंकों, विदेशी मुद्रा डीलर सहित रिपोर्टिंग संस्थाओं को दंड से बचने के लिए 31 मई तक एसएफटी दाखिल करने को भी कहा है. विभाग ने कहा कि एसएफटी (निर्दिष्ट वित्तीय लेनदेन का विवरण) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मई 2024 है. सही और समय पर दाखिल करके दंड से बचें.
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प्रत्येक दिन देना होगा 1000 रुपये का जुर्माना
रिपोर्टिंग संस्थाओं विदेशी मुद्रा डीलर, बैंक, उप-रजिस्ट्रार, एनबीएफसी, डाकघर, बॉन्ड-ऋणपत्र जारीकर्ता, म्यूचुअल फंड ट्रस्टी, लाभांश का भुगतान करने वाली या शेयर वापस खरीदने वाली कंपनियों का कर अधिकारियों के समक्ष एसएफटी रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है. एसएफटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर प्रत्येक ‘डिफ़ॉल्ट’ दिन के लिए 1,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. एसएफटी दाखिल न करने या गलत विवरण दाखिल करने पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है. आयकर विभाग एसएफटी के जरिए किसी व्यक्ति की ओर से किए गए उच्च मूल्य के लेनदेन पर नजर रखता है.
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