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जागरूकता के अभाव में साइबर ठगी के लोग हो रहे शिकार

व्हाट्स एप एपीके फाइल से हो रही ठगी, पुलिस वाला बनकर हो रही ठगी, ठगी होने पर 1930 पर करें शिकायत

व्हाट्स एप एपीके फाइल से हो रही ठगी, पुलिस वाला बनकर हो रही ठगी, ठगी होने पर 1930 पर करें शिकायत सहरसा .साइबर ठगी मामला दिन ब दिन जिले में बढ़ता ही जा रहा है. आम लोगों की कौन कहे अच्छे-अच्छे जागरूक लोगों को भी ये आसानी से अपना शिकार बना ले जा रहे हैं. इन घटनाओं में अब काफी बढोत्तरी हो रही है. साइबर ठगी का मामला अब प्रत्येक दिन सामने आने लगा है. शातिर साइबर ठग बडे-बडे अधिकारियों तक को भी अपना निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं. ये साइबर ठग इतने शातिर हैं कि किसे कैसे ठगना है उसकी प्लानिंग के अनुसार से ही ठगी करने में सफल हो जा रहे हैं. ये साइबर ठग संबंधित का मोबाइल तक हैक कर अपने शिकार से जबतक अच्छी खासी ठगी नहीं कर लेते, तब तक वे पीछा नहीं छोडते. हाल के दिनों में साइबर ठग ने कोसी प्रमंडलीय आयुक्त के नाम पर सहरसा, मधेपुरा व सुपौल के जिलाधिकारी सहित डीआइजी तक से ठगी का प्रयास किया. लेकिन जागरूकता के कारण वरीय अधिकारी इससे बच गये. हालांकि इसको लेकर प्रमंडलीय आयुक्त की ओर से सदर थाना में मामला दर्ज कराया गया है. साइबर ठगी के ऐसे सैकड़ों मामले हैं. जिनमें ठगों ने आसानी ने अच्छे-अच्छे जागरूक लोगों को अपना शिकार बनाया है. आये दिन बिजली कटने के नाम पर साइबर ठगी के मामले में सामने आ रहे हैं. साथ ही सुनियोजित तरीकों से भी अब ठगी के मामले बढ़ गये हैं. शातिर साइबर ठग पारिवारिक जानकारी इकट्ठा कर गुमराह कर भी ठगी करने में सफल हो रहे हैं. पहले सडक पर छिनतई के ही मामले अधिक थे. लेकिन अब साइबर ठगी के मामले में जबरदस्त वृद्धि हुई है. कोसी प्रमंडलीय आयुक्त के नाम पर ठगी करने के प्रयास के मामले सामने आने पर विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जाने लगा है. कोसी प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पिछले दिनों अधिकारियों एवं कर्मियों को जागरूक करने का कार्य किया गया. साथ ही शैक्षणिक संस्थानों में भी जागरूकता को लेकर कार्यशाला किया जा रहा है. इन सबके बावजूद साइबर ठग ठगी करने में सफल हो रहे हैं. जबकि इन मामलों में पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई भी की जाती है. साथ ही साइबर ठगों की गिरफ्तारी भी भी हो रही है. लेकिन मामले में कमी की जगह बढोत्तरी ही हो रही है. जबकि पिछले दिनों ही जिला पुलिस पांच साइबर ठगों की गिरफ्तारी करने में सफल रही. लेकिन इसके बावजूद भी प्रतिदिन लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं. व्हाट्स एप एपीके फाइल से हो रही ठगी व्हाट्स एप के एपीके फाइल एप्लीकेशन फाइल से साइबर ठगी का मामला अधिक देखा जा रहा है. यह फाइल ऑफिशियल यूज के लिए लोग अपने मोबाइल में रखते हैं. जिसका क्लोन कर साइबर ठग भोले भाले लोगों को ठगने में सफल हो जाते हैं. इस बाबत पूछे जाने पर साइबर थाना डीएसपी अजीत कुमार ने बताया कि आजकल अधिक साइबर ठगी का मामला सामने आ रहा है. एनीडेस्क टाइप, क़्वीक्सव्यू, रस्क के तरह के एप को साइबर ठग क्लोनिंग कर ठगी का काम करते हैं. साइबर ठग व्हाट्स एप को हैक कर लेते हैं एवं सामने वाले के सभी चीजों को खुद से देख सकते हैं. जिससे सामने वाला ठगी का शिकार हो जाता है. पुलिस वाला बनकर भी हो रही ठगी लोगों की जानकारी चुराकर भी ठगी करने का काम साइबर ठग करते हैं. इस तरह के मामले अब अधिक आ रहे हैं. साइबर डीएसपी अजीत कुमार ने कहा कि पिछले दिनों इस तरह के दो मामले सामने आये हैं. जिसमें साइबर ठग लोगों से अच्छी खासी जानकारी इकट्ठा कर ठगी करने में सफल हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले महीने एमएलटी कॉलेज के लेखपाल अवधेश कुमार झा को उनके पुत्र के नाम पर डेढ़ लाख से अधिक की ठगी कर ली. बेंगलुरु में रह रहे उनके पुत्र को पुलिस गिरफ्त में होने की बात कह साइबर ठगी कर ली. इस दौरान उनका फोन हैक कर लिया गया. जिससे वे पुत्र तक से बात नहीं कर सके. वहीं पिछले दिनों में एफसीआई के वरीय लिपिक के के बंगलुरू में पढ रहे पुत्र के गिरफ्तार होने के नाम पर भी दो लाख 20 हजार रुपए की ठगी कर ली. हालंकि उनका एक लाख 40 हजार रुपये होल्डर कर दिया गया है. क्रेडिट कार्ड के नाम पर हो रही ठगी क्रेडिट कार्ड के नाम से भी साइबर ठग लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. साइबर डीएसपी ने बताया कि क्रेडिट कार्ड में आसानी से फ्रॉड हो जा रहा है. इसमें इंटरनेशनल चार्ज लगने एवं इसके बचने को लेकर ओटीपी मांग कर राशि की निकासी साइबर ठग करने में सफल हो रहे हैं. जब तक लोग कुछ समझ पाते हैं तब तक वे ठगी के शिकार हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि बैंक कभी भी लोगों से आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर, खाता नंबर या ओटीपी की मांग नहीं करती है. इसके बावजूद लोग ओटीपी देकर ठगी के शिकार हो रहे हैं. फेसबुक व इंस्टाग्राम पर भी हो रही ठगी फेसबुक व इंस्टाग्राम के माध्यम से भी साइबर ठग लोगों से ठगी करने में सफल हो जा रहे हैं. फेसबुक व इंस्टाग्राम पर लोग अपने घर परिवार को साझा करते हैं. जिससे साइबर ठग उनके बारे में जानकारी इक्ठ्ठा कर ठगी का काम करते हैं. साइबर डीएसपी ने कहा कि फेसबुक व इंस्टाग्राम पर जब भी कुछ साझा करें तो उसे प्राइवेट रखें. पब्लिकली साझा नहीं करें. इससे साइबर ठगी के शिकार हो सकते हैं. इस तरह के मामले भी यहां सामने आ रहे हैं. अधिक लालच में भी ठगे जा रहे लोग साइबर ठग लोगों को दो का चार देने, विजेता बनने, महंगी समान सस्ता में देने के नाम पर ठगी करने में सफल हो रहे हैं. साइबर डीएसपी ने कहा कि लोग अधिक लालच की चाह में खुद ब खुद ठगी के शिकार हो रहे हैं. साइबर ठग फोन के माध्यम से लोगों को लॉटरी लगने, मंहगा समान कौडी के भाव देने के नाम पर आसानी से ठगी कर लेते हैं. लालच में लोग साइबर ठग को पैसा भेजते हैं. लेकिन जब सामान या लॉटरी का पैसा नहीं मिल पाता है तो उन्हें ठगी का एहसास होता है. उन्होंने कहा कि आजकल टेलीग्राम एप पर इस तरह का मामला अधिक आ रहा है. ठगी होने पर 1930 पर करें शिकायतः साइबर डीएसपी अजीत कुमार ने कहा कि आज भी लोग जानकारी के अभाव में साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं. खासकर अधिक लालच के में एवं विभिन्न ऑनलाइन माध्यम से होने वाले कारोबार में ठगी के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए किसी भी अनजान का व्हाट्स एप कॉलिंग एवं वीडियो कॉलिंग नहीं उठायें. जब कभी ऐसा लगे कि उनका फोन हैक कर लिया गया है तो तत्काल मोबाइल का इंटरनेट ऑफ कर दें. जिससे वित्तीय धोखाधड़ी से बचा जा सकता. उन्होंने कहा कि किसी को भी आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर, ओटीपी का नंबर नहीं दें. कहीं से भी ऐसा नहीं मांगा जाता है. व्हाट्स एप पर एपीके फाइल या अननोन लिंक को क्लिक नहीं करें. फेसबुक इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट को प्राइवेट रखें पब्लिकली नहीं करें. हमेशा लालच से बचने का प्रयास करें. जब कभी के शिकार हो तो तत्काल 1930 पर शिकायत दर्ज करें. साथ ही cybercrime.gov.in पर मामला रजिस्टर करें. इसके बाद साइबर थाने में आकर शिकायत दर्ज करें. फोटो – सहरसा 07 – साइबर डीएसपी अजीत कुमार

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