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विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर जिले में विभिन्न गतिविधियां आयोजित

अक्सर अज्ञानता के कारण महिलाएं कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाती है जिसमें माहवारी स्वच्छता भी शामिल है

फाइल-14- 28 मई- फोटो- 12- कार्यक्रम में भाग लेती महिलाएं व लड़कियां – किशोरियों और महिलाओं को किया गया जागरूक, हुई खुल कर चर्चा बक्सर. अक्सर अज्ञानता के कारण महिलाएं कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाती है जिसमें माहवारी स्वच्छता भी शामिल है. जिसका जिक्र महिलाएं शर्म व लाज के कारण किसी से नहीं कर पाती और इसमें लापरवाही के कारण कई प्रकार की परेशानियों से जूझती हैं. ऐसे में किशोरियों और महिलाओं के लाज और शर्म को दूर करने के लिए प्रत्येक वर्ष 28 मई को विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष की थीम है ””””””””टूगेदर-फॉर ए पीरियड फ्रेंडली वर्ल्ड””””””””. जिसके तहत मंगलवार को जिले के विभिन्न हिस्सों में गतिविधियों का आयोजन किया गया. ताकि, किशोरियों के साथ साथ महिलाएं भी इस संबंध में खुलकर बात कर सकें. सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि माहवारी के संबंध में सही जानकारी न मिलने के कारण किशोरियां व महिलाएं कई संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ जाती है. जिसके कारण इस बार सभी से अपील की जा रही है कि ””””””””पीरियड फ्रेंडली वर्ल्ड”””””””” का हैशटैग अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जरूर लगाएं. इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा करें. सही जानकारी किशोरियों और महिलाओं को संक्रमण और बीमारियों से बचाती है. उन्होंने बताया कि विशेषकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाली किशोरियां और महिलाएं आज भी मासिक धर्म से जुड़ी कई जरूरी चीजों से अंजान हैं. जिसकी वजह से उनके द्वारा बरती गयी थोड़ी सी भी लापरवाही, उनको सर्वाइकल कैंसर और योनी संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है. माहवारी शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया : बीसीएम प्रिंस कुमार ने बताया कि मासिक धर्म या माहवारी शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. जिसमें साफ-सफाई का विशेष महत्व है. मासिक धर्म के दौरान प्रत्येक चार घंटे में सेनेटरी पैड को अवश्य बदल देना चाहिए. कपड़ों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है. इससे संक्रमण हो सकता है. लापरवाही करने से यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन, लिकोरिया, धात गिरने जैसी बीमारी के साथ संक्रमण हो सकते हैं. मासिक धर्म के दौरान हरी साग-सब्जी, ताजे फल, दही, दूध और अंडा का सेवन करना चाहिए. स्वच्छता और खानपान का ध्यान न रखने से एनीमिया की शिकार हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि इस अभियान को लेकर आगे भी गतिविधियां संचालित की जाएंगी. जिसमें स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा. जिससे ज्यादा से ज्यादा किशोरियां इस संबंध में जागरूक हो सकें. किशोरियों और महिलाओं को किया गया जागरूक : इस क्रम में सदर प्रखंड अंतर्गत पांडेयपट्टी में माहवारी स्वच्छता दिवस को लेकर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया. जिसमें आशा कार्यकर्ता नीतू देवी ने अपने क्षेत्र की किशोरियों और महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. बताया कि अपर्याप्त माहवारी स्वच्छता महिलाओं एवं बालिकाओं को शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से हानि पहुंचा सकती है. जहां वे संक्रमण, एनीमिया, बांझपन, स्कूल ड्रॉपआउट, हिंसा एवं भेदभाव का शिकार हो सकती हैं. इसलिए आज इस मुद्दे पर अपने परिजनों से खुलकर बात करें. ताकि आप सभी माहवारी के कारण किसी भी प्रकार के संक्रमण या बीमारी की चपेट में न आ सकें. इस क्रम में किशोरियों व महिलाओं के साथ साथ युवाओं ने भी अपने हाथों पर लाल गोला बनाकर अभियान में सहयोग करने की बात कही.

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