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देवरी में सिंचाई का अभाव, खेतों तक पानी पहुंचाने की मुक्कमल व्यवस्था नहीं

देवरी प्रखंड में सिंचाई की सुविधा के अभाव में किसान पर्याप्त मात्रा में खेती नहीं कर पा रहे हैं. फसल की सिंचाई के लिए प्रखंड के अधिकांश किसान मौसमी बारिश पर आश्रित हैं.

प्रभावित हो रही है रबी व गरमा फसल की खेतीश्रवण कुमार, देवरी

देवरी प्रखंड में सिंचाई की सुविधा के अभाव में किसान पर्याप्त मात्रा में खेती नहीं कर पा रहे हैं. फसल की सिंचाई के लिए प्रखंड के अधिकांश किसान मौसमी बारिश पर आश्रित हैं. इसके अलावे तालाब, नदी व मनरेगा सिंचाई कूप से फसल की सिंचाई कर खेती करते हैं. बारिश के मौसम में खरीफ फसल के अनुपात में आधा भूमि पर भी रबी व जेठुआ फसल की खेती नहीं हो पाती है. जानकारी के मुताबिक प्रखंड में ग्यारह हजार हेक्टेयर पर खरीफ फसल की खेती होती होती है. वहीं महज चार हजार हेक्टेयर भूमि पर रबी फसल व महज 110 हेक्टेयर भूमि पर जेठुआ (गर्मा) फसल के रूप में सब्जी की खेती होती है. कृषकों ने फसल की सिंचाई के लिए खेतों में डीप बोरिंग, पर्याप्त मात्रा में सिंचाई कूप व बड़े तालाबों का जीर्णोद्धार करवाने की मांग की है. कृषकों का कहना है कि सिंचाई के लिए पर्याप्त साधन व संसाधन उपलब्ध होने पर यहां के किसान खरीफ फसल की तरह रबी व जेठुआ फसल की खेती कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं.

खरीफ फसल में सर्वाधिक धान की खेतीजानकारी के मुताबिक बारिश के मौसम में प्रखंड के किसान पर्याप्त खेती कर पाते हैं. सर्वाधिक 8100 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है. 1700 हेक्टेयर पर मक्का, 12 हेक्टेयर में ज्वार, 05 हेक्टेयर में बाजड़ा, 125 हेक्टेयर में मड़ुआ, 650 हेक्टेयर में अरहर, 350 हेक्टेयर में उड़द, 100 हेक्टेयर में मूंग, 160 हेक्टेयर में कुर्थी, 30 हेक्टेयर में मूंगफली, 05 हेक्टेयर में तिल, 01 हेक्टेयर में सरगुजा सहित अन्य फसल की खेती होती है.

रबी फसल में सर्वाधिक खेती सरसों कीप्रखंड में चार हजार हेक्टेयर भूमि पर रबी फसल की खेती होती है जिसमें सर्वाधिक 2,000 हेक्टेयर में सरसो की खेती होती है. साथ ही 950 हेक्टेयर में गेंहू, 1,000 हेक्टेयर में चना, 50 हेक्टेयर में मटर, 50 हेक्टेयर में तीसी की खेती होती है. इसके अलावे 110 हेक्टेयर भूमि पर जेठुआ फसल के रूप में सब्जी की खेती होती है.

शृंखलाबद्ध चेकडैम हुए बेकारप्रखंड के नेकपुरा, गादिदिघी व मारुडीह पंचायत में सिंचाई के लिए बनवाया गया चेकडैम के माध्यम से किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. नेकपुरा में बना तीनों चैकडेम टूटकर बेकार हो गया. कृषकों के द्वारा बार-बार आग्रह किए जाने के बाद भी टूटे हुए चैकडेम की मरम्मति नहीं करायी गयी. वहीं अधिकांश गांव में कृषि फीडर से बिजली नहीं मिल पा रही है. कृषकों ने प्रखंड के सभी 27 पंचायत के गांव में कृषि फीडर के माध्यम से सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध करवाने व शृंखलाबद्ध चेकडैम को दुरुस्त करवाने की मांग की है.

सिंचाई की सुविधा का किया जा रहा है विस्तार : बीएओ

इस संबंध में देवरी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी संजय कुमार साहू ने कहा कि प्रखंड में आवश्यकता के अनुसार सिंचाई की सुविधा नहीं है. लेकिन मनरेगा से निर्मित सिंचाई कूप, तालाब, डोभा, भूमि संरक्षण से निर्मित तालाब, प्रधानमंत्री कुसुम योजना से किसानों को उपलब्ध करवाए सोलर पंप सेट से देवरी प्रखंड में सिंचाई सुविधा का विस्तार हुआ है.

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