ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन से इडी ने मंगलवार पूछताछ की. आइएएस अधिकारी से कुल 9 घंटे तक पूछताछ की. इसके बाद उन्हें सोमवार तक कुछ कागजात जमा करने के निर्देश के साथ छोड़ दिया. इडी ने मनीष रंजन से लगभग 9 घंटे तक पूछताछ की. इस पूछातछ में मनीष रंजन ने अपने और पारिवारिक संपत्ति का ब्यौरा दिया. वहीं, बार बार वह खुद को एक इमानदार पुलिस अधिकारी बता रहे थे. उनका कहना था कि आज तक बड़ी ही ईमानदारी के साथ उन्होंने अपना काम किया है. कमीशनखोरी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. हालांकि मंत्री आलमगीर आलम के साथ संबंध के सवाल पर वह फंसते नजर आए. उन्होंने बताया कि मंत्री के साथ उनके संबंध केवल विभागीय थे. हालांकि कुछ सवालों पर वह उलझते नजर आए और अपनी चुप्पी साध ली. आपको बता दें कि इडी ने उन्हें दुसरी बार समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था. इससे पहले भी इडी की ओर से 14 मई को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
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Jharkhand : मंत्री आलमगीर के साथ संबंध के सवाल पर उलझे मनीष रंजन
मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद इडी ने समन जारी कर ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव को पूछताछ के लिए बुलाया. इस पूछाताछ में आइएएस ने खुद को ईमानदार बताया है.
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