लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण को लेकर बिहार की 8 संसदीय सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है. सासाराम लोकसभा क्षेत्र में भी प्रत्याशियों की जीत-हार का फैसला मतदाता इसी दिन तय करेंगे. एकतरफ प्रचंड गर्मी की मार ने मतदान प्रतिशत को लेकर चिंता बढ़ायी है तो वहीं दूसरी ओर अब मोहल्ले की समस्या से नाराज वोटरों के वोट बहिष्कार करने के फैसले ने भी प्रशासन की चुनौतियों को बढ़ाया है.
सासाराम में वोट बहिष्कार की चेतावनी
नगर निगम सासाराम क्षेत्र के बढ़िया बाग वार्ड नंबर 10 में सड़क, सफाई, पेयजल और शौचालय को लेकर लोगों ने वोट बहिष्कार किया है. 1 जून को सासाराम लोकसभा क्षेत्र में मतदान होना है. लोगों की मांग है कि मतदान के दिन से पहले ही उनके वार्ड में यह सभी सुविधाएं दुरुस्त की जाए. नहीं तो मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी उन्होंने दी है.नगर आयुक्त को निशाने पर लेते हुए अपनी मांगों को पोस्टर में लिखकर मोहल्ले के लोग सड़क पर उतरे और नारेबारी करके प्रदर्शन किया.
नालंदा में भी वोट बहिष्कार, वोटरों को मनाने की चुनौती
इधर, अंतिम चरण में ही नालंदा संसदीय सीट के लिए भी वोटिंग होने वाली है. नालंदा के हरनौत प्रखंड के सोराडीह पंचायत अंतर्गत जगतपुर गांव के लोगों ने वोट बहिष्कार का फैसला लेकर चेतावनी दी है. ग्रामीणों ने रोड नही तो वोट नहीं का नारा देकर प्रदर्शन किया. इस दौरान जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के खिलाफ उन्होंने अपनी नाराजगी जतायी. ग्रामीणों की शिकायत है कि उनके गांव में विकास कार्य को लेकर जनप्रतिनिधियों ने रूची नहीं ली.
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ग्रामीणों ने कहा- हम 20 सालाें से सड़क मांग रहे..
ग्रामीणों ने बताया कि विगत 20 वर्षों से जगतपुर छठ घाट से जगतपुर गांव तक एवं देवी स्थान से होते हुए जगतपुर गांव तक के लिए सड़क की मांग की गयी. लेकिन आजतक पक्की सड़क नहीं बन सका. जिसके बाद ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि लोकसभा चुनाव 2024 का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे.
क्या कहते हैं अधिकारी..
नालंदा के जोरारपुर गांव में भी नदी पर पुल की मांग पुरानी है और इस मांग को अनदेखा किए जाने से ग्रामीण निराश हैं.बीडीओ उज्ज्वल कांत ने बताया कि जगतपुर गांव में वोट बहिष्कार करने की सूचना मिली है. मतदाताओं को समझाने-बुझाने के लिए वहां पर सेक्टर पदाधिकारी को भेजा गया है. उन्होंने बताया कि अभी आचार संहिता लगा है, जिसके कारण कोई भी नया काम नहीं होगा. ग्रामीणों से जाकर हम खुद मिलेंगे.