रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. इस मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को अंतिम चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया है. इसके लिए कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए 7 जून तक का समय दिया है. इसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी. इस मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्य दोषी हैं.
कोर्ट ने सीबीआई को लगाई फटकार
दरअसल, बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में नौकरी के लिए जमीन मामले की सुनवाई होनी थी. लेकिन सीबीआई ने मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए समय मांगा. इसके चलते कोर्ट में सुनवाई टल गई. साथ ही कोर्ट ने सीबीआई द्वारा हर तारीख पर चार्जशीट दाखिल करने के लिए समय मांगने पर नाराजगी जताई और कहा कि हर बार सुनवाई में यही कहा जाता है कि चार्जशीट दाखिल करने का काम अंतिम चरण में है.
क्या है मामला
आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान 2004 से 2009 के बीच विभिन्न रेलवे डिवीजनों में ग्रुप डी के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए जमीन ली गई थी. लालू यादव ने इस जमीन को अपने परिवार के सदस्यों और संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर स्थानांतरित करने के रूप में नौकरी लेने वाले से वित्तीय लाभ प्राप्त किया था.
इसके साथ ही सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में इस तरह की नियुक्तियों के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया है. इन नियुक्तियों के लिए न तो विज्ञापन जारी किए गए और न ही कोई सार्वजनिक सूचना जारी की गई. फिर पटना में रहने वाले नियुक्त लोगों को देश के विभिन्न शहरों में पदस्थापित कर दिया गया.
इडी भी कर चुकी है पूछताछ
इस मामले में इडी द्वारा लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बड़ी बेटी मीसा भारती और बेटे तेजस्वी यादव समेत कई लोगों से पूछताछ की जा चुकी है.
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