सिकटी. मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी को लेकर सरकारी स्कूलों में आगामी दो जून को इच्छुक छात्रों का मॉक टेस्ट होगा. इसके लिए डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान द्वारा निर्देश जारी किया गया है. उच्च माध्यमिक ई-लाइब्रेरी वाले विद्यालयों में टेस्ट कराया जायेगा. इसे लेकर बिहार शिक्षा परियोजना (बीइपी) द्वारा जिले के डीइओ व डीपीओ (सर्व शिक्षा अभियान) को निर्देश दिया गया है. जारी निर्देश में कहा गया है कि मॉक टेस्ट में उन बच्चों को प्राथमिकता दी जायेगी जो विज्ञान संकाय से 11 वीं कक्षा पास करके 12 वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं. इसके लिए सभी आइसीटी लैब वाले विद्यालय जहां ई-लाइब्रेरी की स्थापना हो चुकी है, वहां पर दो जून को कक्षा 12 के विज्ञान संकाय के छात्र-छात्राओं को मॉक टेस्ट में शामिल कराया जायेगा. इसे लेकर विभाग की ओर से शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है.
पोषक क्षेत्र के विद्यार्थी भी मॉक टेस्ट में होंगे शामिल
प्रभारी प्रधानाध्यापक प्लस टू राजकीयकृत उच्च विद्यालय बरदाहा मो नदीम सिद्दीकी ने बताया कि ऐसे माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों जहां आइसीटी लैब स्थापित है व उनमें इंटरनेट की सुविधा बीएसएनएल ब्रॉडबैंड के माध्यम से उपलब्ध करा दी गयी है. उक्त विद्यालयों में ही विज्ञान संकाय वाले बच्चे माक टेस्ट में शामिल होंगे. साथ ही, उस विद्यालय के पोषक क्षेत्र के बच्चे जो 12 वीं कक्षा में पढ़ते हैं, उन्हें भी माक टेस्ट में शामिल कराया जायेगा. दो जून को पहली पाली में सुबह 6.30 से 8.30 बजे तक दूसरी पाली 9 बजे से 11 बजे तक, तीसरी पाली 11.30 से 1.30 बजे तक व चौथी पाली 02 से 04 बजे तक चलेगी. सभी पाली में प्रश्नों की संख्या 100 रहेगी. बीइओ को संबंधित विद्यालय के प्रधान को इसकी पूर्व तैयारी के लिए संसूचित करने का दायित्व सौंपा गया है. ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को माक टेस्ट में शामिल कराना सुनिश्चित कराया जा सके.रोक के बावजूद रोड पर मक्का सूखा रहे किसान
फारबिसगंज.
प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर मक्का फसल सुखाने से छोटी-छोटी घटनाएं लगातार हो रही है. अनुमंडल प्रशासन इस मामले को लेकर उदासीन बनी हुई है. खास कर के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सड़कों को अवरूद्ध कर सड़क पर मक्का फसल सुखाया जा रहा है. पिछले दिनों इसी क्रम में समाचार संकलन के लिए जा रहे एक पत्रकार गंभीर रूप से खैरखां समौल सड़क मार्ग पर घायल हो गया. जिसे बेहतर इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन का को खौफ नहीं है. फारबिसगंज- सिमराहा, खैरखां-समौल- मानिकपुर, सैफगंज-सिमरबनी आदि सड़कों पर मक्का सुखाये जाने से सड़क दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. कई स्थानों पर बांस बल्ला लगा सड़क अनाज सुखाया जाता है. स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से वाहन चालकों में आक्रोश पनप रहा है. इस संबंध में अधिकारियों का अपना तर्क है सड़क पर मक्का सुखाये जाने वाले किसान को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है