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भारत गैस एजेंसी को नहीं मिल रहा है सिलिंडर, उपभोक्ता परेशान

भारत गैस एजेंसी को नहीं मिल रहा है सिलिंडर, उपभोक्ता परेशान

भवनाथपुर सेल प्रबंधन की सहकारिता साख समिति द्वारा संचालित भारत गैस एजेंसी को समिति ने गैस सिलिंडर देना बंद कर दिया है. इससे उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गयी है. गत एक महीने से सिलिंडर नहीं मिलने से उपभोक्ताओं को ब्लैक में सिलिंडर लेना पड़ रहा है. बताया जाता है कि संचालक सहकारिता साख समिति व भारत गैस एजेंसी के बीच समन्वय नहीं होने का खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि भवनाथपुर में सेल प्रबंधन के अधिकारी व कर्मचारी मिलाकर मात्र 22 लोग बचे हैं. कर्मचारी के सहयोग से सहकारिता साख समिति संचालित होता थी. लेकिन ऐसी परिस्थितियों में समिति का संचालन कठिन हो गया है. टाउनशिप स्थित भारत गैस एजेंसी के बंद होने से उपभोक्ताओं के समक्ष सिलिंडर ट्रांसफर कराना बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है. अब उपभोक्ताओं को सिलिंडर लेने के लिए भवनाथपुर जाना होगा. इसमें समय और धन दोनों का नुकसान होगा.

सहकारिता समिति पर 400 सिलिंडर गायब करने का आरोप

यहां चर्चा है कि संचालक सहकारिता साख समिति पर भारत गैस एजेंसी ने करीब 400 सिलिंडर गबन का आरोप लगाते हुए गैस सिलिंडर देना बंद कर दिया है. टाउनशिप स्थित भारत गैस एजेंसी से करीब 400 सिलिंडर कहां गायब हो गया, इसका लेखा-जोखा समिति के पास नहीं है. सिलेंडर गायब होने के सवाल पर संचालक रमेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2015 में गैस एजेंसी में दिनदहाड़े लूटकांड हुआ था. उसी लूटकांड में अपराधियों या कोई अन्य लोग सिलिंडर लेकर भाग गये. इस संबंध में थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. उन्होंने बताया कि इसमें से कुछ सिलिंडर मिसिंग होगा. उन्होंने बताया कि एजेंसी को अप्रैल माह में 360 सिलिंडर के लिए 2.85 लाख रु दिये गये थे. लेकिन आज तक एजेंसी ने सिलिंडर नहीं भेजा. उन्होंने बताया कि जून माह में लगभग सभी उपभोक्ताओं का नाम ट्रांसफर नजदीकी एजेंसी में करा दिया जायेगा.

वर्ष 2000 से हो रहा है संचालन

उल्लेखनीय है कि भवनाथपुर सेल प्रबंधन ने वर्ष 2000 में कर्मचारियों की सुविधा के लिए सहकारिता साख समिति ने भारत गैस एजेंसी का संचालन शुरू किया था. यहां से भवनाथपुर, चपरी, सरैया, सीघीताली, मकरी व बुका सहित अन्य नजदीकी गांवों के उपभोक्ताओं को सिलिंडर का कनेक्शन दिये गये थे. तब करीब दो हजार से अधिक उपभोक्ता थे. लेकिन धीरे-धीरे उपभोक्ताओं की संख्या कम होती गयी. वर्तमान में करीब 1500 उपभोक्ता बचे हुए हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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